आरआर कॉलेज परिसर में घूम रहे बघेरे को पकड़ने के लिए वन विभाग लगातार 10 दिनों से ऑपरेशन चला रहा है, लेकिन वह अब भी पहुंच से दूर है।
अलवर। आरआर कॉलेज परिसर में घूम रहे बघेरे (लेपर्ड) को पकड़ने के लिए वन विभाग ने सोमवार से सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। इसमें 15 लोगों की टीम को लगाया गया है। इस टीम ने दिनभर बघेरे के बैठने के स्पॉट चैक किए और उसी के अनुसार खेत में बड़ा पिंजरा लगाया। पिंजरे में थानागाजी से बकरा मंगवाकर बांधा गया है। ट्रैप कैमरे भी लगाए गए हैं।
बघेरा रविवार की रात भी पिंजरों के पास से निकला लेकिन अंदर नहीं झांका। आरआर कॉलेज के गेट के पास भी बघेरा घूमकर गया है। यहां उसके पगमार्क मिले हैं। होटल सरूप विलास पैलेस के कर्मचारियों ने बताया कि रविवार रात बघेरा उनके होटल के पास पहुंच गया। सबसे पहले उसने एक नीलगाय का शिकार करने की कोशिश की। इस दौरान नीलगाय उनके होटल की दीवार फांदकर अंदर आ गई। जिससे बघेरा नीलगाय का शिकार नहीं कर सका।
इसके बाद बघेरा होटल के पास ही एक सुअर का शिकार कर जंगल की ओर भाग गया। हालांकि इस दौरान होटल का कर्मचारी डर गया और अंदर चला गया। कर्मचारियों ने बताया कि उन्होंने पहली बार बघेरा को इतने करीब से देखा है। इधर, डीएफओ राजेंद्र हुड्डा का कहना है कि सर्च अभियान के जरिए बघेरे को ट्रेंकुलाइज किया जाएगा। लोग डरें नहीं, एहतियात बरतें। बघेरा अपनी टेरेटरी में है। ऐसे में नुकसान नहीं पहुंचाएगा। हम पकड़ने के पूरे प्रयास कर रहे हैं।
सरिस्का से तालवृक्ष पहुंचा टाइगर (नारायणपुर): सरिस्का अभयारण्य में बाघों का कुनबा बढ़ने व विचरण क्षेत्र छोटा पड़ने से बाघों का नए इलाके ढूंढने का सिलसिला जारी है। सरिस्का से एक और बाघ टेरेटरी ढूंढते - ढूंढते तालवृक्ष में पहुंच गया है। सूचना के बाद वन विभाग की टीम ने बाघ के लिए टीम लगा दी है। बाघ वन संरक्षित क्षेत्र में घूम रहा है।