अलवर

प्रशासन से वार्ता विफल… महिलाओं ने संभाला मोर्चा, कहा किसी भी कीमत पर नहीं होने देंगे ट्यूबवेल 

मालाखेड़ा उपखंड की एकमात्र जीवित झील को बचाने के लिए धरने के पांचवें दिन बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं। साधु संत भी झील और जयसमंद बांध को बचाने के लिए आगे आए हैं।

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Jun 03, 2025
बैठक में मौजूद प्रशासन व ग्रामीण (फोटो- पत्रिका)

मालाखेड़ा उपखंड की एकमात्र जीवित झील को बचाने के लिए धरने के पांचवें दिन बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं। साधु संत भी झील और जयसमंद बांध को बचाने के लिए आगे आए हैं। प्रशासन के साथ झील बचाओ संघर्ष समिति की वार्ता विफल रही और 20 सूत्री मांग पत्र उपखंड अधिकारी को सौंपा गया।

इसमें ट्यूबवेल न लगाने, ईआरसीपी योजना लागू करने, और अन्य मांगें शामिल हैं। धरना स्थल पर कई गांवों की महिलाएं पहुंचीं और खेती-बाड़ी के गीत गाए। महिला धोली देवी ने चेतावनी दी कि बोरिंग से झील सूख जाएगी, जिससे किसान परिवार प्रभावित होंगे।

लोक देवता बाबा भर्तृहरि धाम के पदम नाथ ने भी ट्यूबवेल लगाने का विरोध किया। धरने में हजारों किसान शामिल हुए, जबकि उपखंड अधिकारी ने वार्ता में सहमति न बनने की जानकारी दी।

Updated on:
26 Oct 2025 06:45 pm
Published on:
03 Jun 2025 12:11 pm
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