अलवर

फ्रॉड का नया तरीका: बिटकॉइन और क्रिप्टो करेंसी खरीदने से पहले पढ़ लें ये खबर

यदि आप बिटकॉइन या क्रिप्टो करेंसी खरीदते हैं तो यह आपके लिए जरूरी खबर है। साइबर ठगों ने फ्रॉड का एक और नया तरीका इजाद कर लिया है।

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Oct 19, 2024

यदि आप बिटकॉइन या क्रिप्टो करेंसी खरीदते हैं तो यह आपके लिए जरूरी खबर है। साइबर ठगों ने फ्रॉड का एक और नया तरीका इजाद कर लिया है। एक ऑनलाइन ऐप पर फर्जी आईडी बना बिटकॉइन या क्रिप्टो करेंसी बेचने का झांसा देकर लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। पुलिस के पास ऐसी तमाम शिकायतें पहुंच रही हैं। पुलिस इन्हें गंभीरता से नहीं ले रही है, जिससे साइबर ठगों पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है।

शातिर ठग बाइनेंस ऐप पर अलग-अलग नामों से आईडी बनाते हैं। इसके साथ ही जीओ पेमेंट बैंक और पेटीएम पेमेंट बैंक पर ऑनलाइन अकाउंट खोलते हैं। ठग इन आईडी और अकाउंट के जरिए बिटकॉइन और क्रिप्टो करेंसी खरीदते हैं। जिसे ऐप की भाषा में यूएसडीटी कहते हैं।

इसके बाद लोगों से साइबर ठगी के लिए ऐप पर बिटकॉइन और क्रिप्टो करेंसी बेचने का विज्ञापन लगाते हैं। किसी व्यक्ति को बिटकॉइन या क्रिप्टो करेंसी खरीदने से पहले ऑनलाइन पेमेंट करना होता है। पेमेंट के बाद ठग उसे फोन कर झूठे बहाने बना डील कैसिंल कराते है और रकम वापस देने का झांसा देते हैं। कुछ देर बाद शातिर अकाउंट और मोबाइल नबर बंद कर लेतेे हैं।

बेरोजगारों के नाम से बना रहे फर्जी आईडी

ठग पहले बेरोजगार व कम पढ़े-लिखे युवाओं को अपने जाल में फंसाते हैं। तीन से पांच हजार रुपए का लालच देकर उनसे आधार कार्ड और पेनकार्ड लेते हैं और फिर उनके नाम से बाइनेंस ऐप पर आईडी बनाते हैं और वीडियो कॉल पर केवाईसी करा उनका ऑनलाइन अकाउंट खोलते हैं। फिर उनकी आईडी से ही करेंसी खरीदते हैं और ग्राहक को विश्वास जमाने के लिए उसका ही आधार कार्ड भेजते हैं। खिलाफ कार्रवाई करती है जिसका आधार होता है।

बचना है तो नहीं करें डील कैंसिल

बाइनेंस ऐप के जरिए जब भी कोई व्यक्ति बिटकॉइन या क्रिप्टो करेंसी खरीदता है तो उसे पहले पेमेंट ट्रांसफर करना होता है। इसके बाद बेचने वाला व्यक्ति करेंसी को रिलीज करता है। यदि करेंसी को रिलीज नहीं किया जाए तो 24 घंटे के भीतर खुद-ब-खुद करेंसी ग्राहक को रिलीज हो जाती है। ऐसे में करेंसी खरीदने के बाद बेचने वाले व्यक्ति के दबाव में डील कैंसिल नहीं करें वरना आपके साथ फ्रॉड हो सकता है।

देश-विदेश के लोगों को ठग रहे

बिटकॉइन और क्रिप्टो करेंसी बेचने के नाम पर अलवर के ठग अलवर से बाहर की लोकेशन पर आईडी बनाते हैं और फिर देश-विदेश में बैठे लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं। अलवर शहर के भूगोर, रूपबास सहित मेवात क्षेत्र में तमाम युवा साइबर ठगी के धंधे में लिप्त हैं। पुलिस सब कुछ जानते हुए भी चुप है।

Published on:
19 Oct 2024 11:46 am
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