अलवर में नाइट टूरिज्म के लिए प्रदेश सरकार ने प्रशासन के प्लान को मंजूरी दे दी है। अब वित्तीय स्वीकृति के बाद यह काम शुरू हो जाएगा।
अलवर में नाइट टूरिज्म के लिए प्रदेश सरकार ने प्रशासन के प्लान को मंजूरी दे दी है। अब वित्तीय स्वीकृति के बाद यह काम शुरू हो जाएगा। नाइट टूरिज्म का एरिया घंटाघर से सागर जलाशय तक का है, जो 2 किमी लंबा है। यह पूरी तरह रोशन होगा। प्लान के मुताबिक रात में यह एरिया दिन जैसा नजर आएगा।
पर्यटकों को आकर्षित करेगा। घंटाघर से इसकी शुरुआत होगी। उसके बाद होपसर्कस होते हुए त्रिपोलिया मंदिर, जगन्नाथ मंदिर, पुराना कलक्ट्रेट मार्ग से सीधे सागर जलाशय तक पहुंचा जा सकेगा। यहीं पर हाथीकुंड भी है। इसके अलावा मूसी महारानी की छतरी व सिटी पैलेस का भ्रमण हो सकेगा। एक प्रशासनिक अधिकारी का कहना है कि इस प्रोजेक्ट पर तेजी से काम चल रहा है।
राजस्थान पत्रिका ने नाइट टूरिज्म के शहर में विकल्प को लेकर खबरें प्रकाशित कीं। यूआईटी के एक्सइएन कुमार संभव अवस्थी, रिटायर्ड एक्सइएन प्रमोद शर्मा के जरिए नाइट टूरिज्म का रास्ता सुझाया। बताया कि घंटाघर से लेकर सागर तक पहुंचने के लिए कौन से कार्यों को अंजाम देना होगा। प्रशासन ने उसी तर्ज पर इसका प्लान तैयार किया और सुविधाओं पर खर्च होने वाली रकम का खाका तैयार कर सरकार को भेज दिया है।
घंटाघर से नाइट टूरिज्म का रास्ता तय होगा। रेलवे स्टेशन, रोडवेज से यहां तक पर्यटकों को लाने-ले जाने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था होगी। इसके अलावा ऑटो व ई-रिक्शा के भी संचालन की अनुमति होगी।
घंटाघर के आसपास का बाजार रात को भी खुल सकता है। होप सर्कस के आसपास बाजार रहेगा। हस्तकला से जुड़े आइटम आदि की बिक्री हो सकेगी।
सागर के उत्तर में खाली जगह पर कुछ दुकानें वेंडर के जरिए खुलवाने की अनुमति मिल सकती है।
रेलवे स्टेशन से लेकर रोडवेज होते हुए घंटाघर व सागर तक फैंसी लाइटें लगाने की योजना है।
सुरक्षा के लिए पुलिस बल रात को भी तैनात रहेगा।
पेयजल व पार्किंग की व्यवस्था होगी। पुरानी तहसील की जमीन व तांगा स्टैंड का प्रयोग पार्किंग के लिए हो सकेगा।
जर्जर सड़कों का निर्माण होगा। सफाई की पर्याप्त व्यवस्था होगी।
पूछताछ केंद्र भी खुलेगा, जिसका संचालन पर्यटन विभाग करेगा।
दूसरे चरण में इन स्थलों को जोड़ा जा सकता है
मोती डूंगरी, गरबाजी, जयसमंद, भूरा सिद्ध मंदिर, लाल डिग्गी और नटनी का बारा।