अलवर से सीधे हरियाणा के पानीपत मार्ग बनेगा, इसके लिए दिल्ली होकर नहीं जाना होगा। आगरा, अलीगढ़ तक राजमार्ग बनाने की भी योजना है। अलवर-भरतपुर-मथुरा मार्ग को भी 60 मीटर चौड़ा किया जाएगा।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रीय योजना में अलवर के शामिल होने के कारण यहां सड़कों का जाल बिछने जा रहा है। उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से लेकर पश्चिम तक के शहरों की क्षेत्रीय संपर्क बढ़ने जा रही है।
अलवर से सीधे हरियाणा के पानीपत मार्ग बनेगा, इसके लिए दिल्ली होकर नहीं जाना होगा। आगरा, अलीगढ़ तक राजमार्ग बनाने की भी योजना है। अलवर-भरतपुर-मथुरा मार्ग को भी 60 मीटर चौड़ा किया जाएगा। मास्टर प्लान में इन योजनाओं को शामिल किया गया है। एनएचएआई, पीडब्ल्यूडी आदि विभाग इन कामों को धरातल पर उतारेंगे।
वर्तमान में अलवर की दिल्ली, जयपुर, भरतपुर, कोटपूतली आदि नगरों से सड़क मार्ग की संपर्कता उच्च गुणवत्ता की नहीं है। जयपुर को शाहपुरा के रास्ते जोडने वाली सड़क की दशा ठीक नहीं है। दिल्ली के लिए तिजारा-भिवाड़ी होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या -8 पर स्थित धारूहेड़ा, गुरुग्राम के रास्ते जाने का मार्ग है, परन्तु राष्ट्रीय राजमार्ग होने के कारण वाहनों का भार अधिक होने से सुगम यातायात नहीं हो पाता। राष्ट्रीय राजधानी मार्ग-11 पर स्थित सिकंदरा से राजगढ़ होते हुए मेगा सड़क का निर्माण हो जाने के कारण वर्तमान में अधिकतर जयपुर का यातायात इसी मार्ग से हो रहा है। इन मार्गों को बेहतर बनाया जाना है।
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अलवर-भरतपुर-मथुरा सड़क को भी विकसित किया जाना आवश्यक है। इससे अलवर का पूर्व की तरफ स्थित नगरों जैसे मथुरा, आगरा, अलीगढ़ आदि से संपर्क स्थापित हो सकेगा। यह अभी एक राजमार्ग के रूप में कार्यशील हैं। अलवर-बहरोड़, अलवर-शाहपुरा आदि का भी सुधार किया जाना है।
इनका मार्गाधिकार 60 मीटर होगा।पर्यटक स्थलों के मार्ग भी बनेंगे: अलवर के समीप अनेक पर्यटन स्थल हैं, जो अलवर के सरिस्का के आस-पास स्थित हैं। वर्तमान में इन स्थलों को जाने वाली सड़कों की दशा खराब है। सरिस्का, तालवृक्ष, पांडुपोल, भर्तृहरि, बैराठ आदि जगह जाने वाली सड़कों का सुधार किया जाना है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रीय योजना में रोहतक से रेवाड़ी सड़क को अलवर तक बनाना प्रस्तावित है। इस सड़क के बन जाने से अलवर का रेवाड़ी वाया खैरथल, बावल, रोहतक, पानीपत आदि उत्तर के नगरों से सीधा संपर्क स्थापित हो सकेगा। यातायात को दिल्ली से होकर इन स्थानों पर नहीं जाना पड़ेगा।
इस सड़क को वर्तमान अलवर-सिकंदरा सड़क के साथ जोड़ते हुए आगे सवाई माधोपुर, कोटा, झालावाड़-शिवपुरी तक बढ़ाकर दिल्ली-मुंबई मुख्य मार्ग से जोडा जाना आवश्यक है। यह राजमार्ग 60 मीटर चौड़ाई का होगा। इसके लिए केवल वर्तमान सड़कों को ही सुधार व चौड़ा कर उचित स्तर पर विकसित किए जाने की आवश्यकता है।
मास्टर प्लान में जो मार्ग बनाए जाने हैं, उन्हें समय रहते धरातल पर उतारा जाना चाहिए ताकि क्षेत्रीय संपर्कता बढ़ सके। हरियाणा के कई शहरों की कनेक्टिविटी दिल्ली होकर है। ऐसे में पानीपत तक मार्ग बनेगा तो यह बड़ी उपलब्धि होगी। वाहनों के भार के कारण सड़कें संकरी हो गई हैं। ऐसे में चौड़ा करने की काफी समय से आवश्यकता है। धर्मेंद्र शर्मा, रिटायर्ड एसई, यूआईटी
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