अब अलवर से बहरोड़ डेढ़ घंटे की बजाय 50 मिनट में पहुंच जाएंगे। इस मार्ग को फोरलेन बनाने की दिशा में काम शुरू हो गया है।
अब अलवर से बहरोड़ डेढ़ घंटे की बजाय 50 मिनट में पहुंच जाएंगे। इस मार्ग को फोरलेन बनाने की दिशा में काम शुरू हो गया है। डीपीआर व सर्वे के लिए आरएसआरडीसी ने टेंडर किया है। इस पर 2.50 करोड़ रुपए खर्च होंगे। अभी अलवर से बहरोड़ मार्ग टू-लेन है। यह मार्ग कई जगह से जर्जर हो गया है। बहरोड़ तक फोरलेन बनने से यह आगे दिल्ली-जयपुर हाईवे से मिल जाएगा। ऐसे में इसकी गुणवत्ता भी हाईवे की तरह ही होगी। अलवर से बहरोड़ तक 72 किमी लंबा मार्ग बनेगा।
फोरलेन बनाने की राह में कई बाधाएं आएंगी। कुछ जगह गांव भी बसे हुए हैं। ऐसे में रोड चौड़ा होगा तो गांव की खूबसूरती, पुराने मकान व दुकानें जद में आएंगी। इसी को देखते बाइपास की भी संभावनाएं तलाशी जा रही है। उस पर आने वाले खर्च को डीपीआर में अंकित किया जाएगा।
अलवर के जेल सर्किल से आगे बहरोड़ मार्ग पर दोनों और दुकाने व आवास बन गए हैं। फोरलेन बनने से यह स्थाई अतिक्रमण चपेट में आएगा। यह पीडब्ल्यूडी की जमीन बताई जा रही है। इससे बड़ी आबादी प्रभावित होगी।
अलवर से बहरोड़ मार्ग को फोरलेन बनाया जाएगा। इसके लिए पहले डीपीआर व सर्वे होगा, जिसका टेंडर कर दिया गया है। यह कार्य 6 माह में संबंधित फर्म को पूरा करना है। - मनोज श्रीवास्तव, पीडी, आरएसआरडीसी अलवर