आम, मौसमी, अनार, जामुन, लीची जैसे फलों को तोते व गिलहरी कुतर रहे हैं। इससे बागवानी किसानों को नुकसान हो रहा है।
मालाखेड़ा. क्षेत्र में परंपरागत खेती के अलावा अब बागवानी करने का कार्य किसानों को अधिक लाभप्रद नजर आने लगा है, लेकिन बगीचों पर लग रहे फलों की सुरक्षा करना इनके लिए चुनौती बन रहा है।
विभिन्न प्रकार के फलदार पौधे लगाकर किसान बागवानी से फलों का उत्पादन लेकर आर्थिक संपन्नता हासिल कर रहे हैं। इन दिनों आम, मौसमी, अनार, जामुन, लीची जैसे फलों को तोते व गिलहरी कुतर रहे हैं। इससे बागवान किसानों को नुकसान हो रहा है।
अनार, आम के फलों को पक्षियों के कुतरने से बचाने के लिए परिवार के लोग प्रयासरत रहते हैं। इसके अलावा पुराने कपड़े से फलों को ढककर बचाने के प्रयास बागवान कर रहे हैं। पीलाढाबा में चौहान कृषि फार्म पर बागवानी के चलते आम, अनार, मौसमी, बिल्व, जामुन, अमरूद, नीबू से फल प्राप्त करते हैं। इन दिनों अनार, जामुन, आम के फलों को तोते काट कर नुकसान पहुंचाते हैं। कुतरे हुए फलों को इकट्ठे करने के लिए सुबह बाल गोपाल वृक्ष के नीचे पहुंचकर जामुन तथा आम के फलों को इकट्ठा करते हुए देखे जा सकते हैं।
किसान नेट लगाए
उपनिदेशक उद्यान विभाग केएल मीणा का कहना है कि फलों को पक्षियों के कुतरने से बचाने के लिए किसान नेट लगाए, जिससे पक्षी उसके अंदर नहीं जा सकेगा। अनार, आम, मौसमी जैसे फल सुरक्षित रह पाएंगे। कम जगह में बागवानी होने के कारण पक्षी बगीचे पर जाकर हमला बोलते हैं। इसलिए फलों को बचाना जरूरी है।