शिक्षा विभाग के आदेश पर स्कूलों में 25 दिसंबर से शीतकालीन अवकाश प्रारंभ कर दिए हैं, लेकिन महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को अब भी बुलाया जा रहा है।
शिक्षा विभाग के आदेश पर स्कूलों में 25 दिसंबर से शीतकालीन अवकाश प्रारंभ कर दिए हैं, लेकिन महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को अब भी बुलाया जा रहा है। पांच डिग्री तापमान में बच्चे केंद्रों पर पहुंच रहे हैं। ऐसे में एक ही सवाल उठ रहा है कि क्या इन बच्चों को सर्दी नहीं लगती? कलक्टर के पास अधिकार है कि वे आंगनबाड़ी केंद्रों पर छुट्टी कर सकती हैं।
आंगनबाड़ी पर तीन से 6 साल तक के छोटे बच्चे आते हैं। किराया कम होने की वजह से बहुत से केंद्र ऐसे हैं जहां सीलन व गलन वाले कमरों में बच्चों को बैठाया जा रहा है। ये तंग गलियों में हैं, इस वजह से धूप भी कम आती है। इस वजह से बच्चों को तेज सर्दी में पढ़ना पड़ रहा है। शहर में करीब 158 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। जो सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक संचालित किए जा रहे हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यरत कार्यकर्ता व सहायिकाओं के लिए दस-दस दिन का अवकाश दिया जाता है, जिसमें महिला कार्मिक बारी-बारी से अवकाश ले सकती हैं। ताकि केंद्र बंद न रहे और बच्चों की देखभाल व सरकारी योजनाओं का संचालन होता रहे।
राज्य सरकार की ओर से आंगनबाड़ी केंद्रों पर शीतकालीन अवकाश के लिए मुख्यालय से कोई आदेश जारी नहीं हुए हैं। इसलिए केंद्र खोले जा रहे हैं - महेश गुप्ता, उपनिदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग, अलवर