ऑनलाइन खरीदारी से बचने पर जोर, डिस्काउंट के लालच में लुट रहे ग्राहक
पिनान. दीपोत्सव की धूम बाजार में इन दिनों देखी जा रही है। बाजार हर तरह की खाद्य सामग्री व सजावटी सामान से सज गए हैं। आधुनिक संसाधनों की चकाचौंध के साथ डिस्काउंट के लालच में अपना पसंदीदा सामान ऑनलाइन मंगाकर लोग ठगी का शिकार भी हो रहे हैं। ऑनलाइन में स्वदेशी सामान की भी गारंटी नहीं। इस तरह की कई विसंगतियां देखने को मिल रही है। मंगलवार को पिनान कस्बे में राजस्थान पत्रिका के हुए स्पीक आउट कार्यक्रम में सामाजिक नवाचार और घरेलू स्थितियों को सुदृढ़ बनाने की दिशा में व्यावसायियों ने इसी तरह के खुलकर विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में बताया कि वर्तमान परिवेश में अधिकतर युवा वर्ग व महिलाएं मोबाइल के माध्यम से ऑनलाइन सामान खरीदना अपना पसंदीदा नवाचार समझ रहे हैं, जबकि इस तरह की शॅपिंग से भारी नुकसान की संभावना बनी रहती है। ऑनलाइन शॉपिंग के कारण बाजार में रौनक तो कम हो ही रही है, साथ ही छोटे व स्थानीय दुकानदार आर्थिक संकट से भी गुजर रहे हैं। ऑनलाइन खरीदारी करना एक तरह का मीठा जहर है, जो प्रलोभन की दिशा में अपनी ओर आकर्षित करता है। ऐसे में युवा कई बार ठगा भी जाता है। ऑनलाइन खरीदारी से कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक, फुटवियर, गिफ्ट्स आदि सहित घरेलू सामान की बिक्री पर गहरा प्रभाव पड़ा है। बाजार में ग्राहकों की कमी का बड़ा कारण लोगों का ऑनलाइन खरीदारी की ओर रूझान बढ़ना है। इंटरनेट सुविधा ने आमजन को डिजिटल बना कर जितना सुविधाजनक बनाया है, उतना ही आर्थिक, मानसिक और व्यावसायिक प्रतिष्ठा को भी प्रभावित किया है। दीपोत्सव पर व्यावसायियों का जोर स्वदेशी सामान नजदीकी और विश्वसनीय प्रतिष्ठानों से खरीदने पर अधिक जोर रहा।
व्यावसायियों ने यूं रखे विचार- सोच-समझ और परिस्थितियों के अनुसार खरीदे घरेलू सामानडिजिटल शॅपिंग आमजन की धारणा बन गई है, जबकि सामान की खरीदारी स्थानीय दुकानदारों से मनपंसद की करनी चाहिए। ऑनलाइन की शॉपिंग घातक हो सकती है। सामान स्वदेशी खरीदना चाहिए।
हरिओम बंसल, पूर्व अध्यक्ष श्रीहनुमान मित्र मंडल पिनान।.............
वर्तमान में लोगों ने ऑनलाइन मेडिसिन खरीदने का तरीका अपनाना शुरू कर दिया है, जबकि इस तरह दवा खरीदना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है। मेडिसिन खरीदने का उत्तम तरीका यही है कि चिकित्सक के परामर्श पर व बताई गई दवा लाइसेंसधारी दुकान से ही खरीदे।राजकुमार शर्मा (गुरू)।
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अक्सर देखने में आ रहा है कि लोग इलेक्ट्रॉनिक आइटम की ऑनलाइन खरीद कर रहे हैं। यह ऐसा आइटम होता है, जिसकी गारंटी नहीं कि वह सही सलामत हो, लेकिन प्रतिष्ठित और नजदीकी दुकान से खरीदी गया इलेक्ट्रॉनिक सामान की गारंटी पुख्ता रहती है। इसलिए इलेक्ट्रॉनिक का सामान प्रमाणित दुकान से खरीदना चाहिए।बजरंग टाक।सस्ते के लालच में गांव-ढाणियों में फेरी लगाकर बेचने वाले लोगों से सामान खरीदना पसंद किया जाने लगा हैं, लेकिन रस्ते चलते दुकानदार की ओर से बेची गई सामग्री की गारंटी नहीं होती। वे केवल सस्ते दामों में सामान देकर संबंधित कंपनी का मिशन पूरा कर चले जाते हैं। अपने पैसों का सही जगह उपयोग करना चाहिए। ठगी से बचने का यही उपाय व प्रयास है।
दीपा गुप्ता, गृहिणी।