Rajasthan News : जिस उम्र में अक्सर बच्चे पढ़ाई-लिखाई व मस्ती करते हैं उस उम्र में रेवाड़ी की 11 वर्षीय आराध्या दिल्ली से मुंबई तक की साइकिल यात्रा व कई पर्वत चोटियों की चढ़ाई कर चुकी हैं।
Alwar News अलवर। हौसले अगर बुलंद हो तो उम्र मायने नहीं रखती है। छोटी उम्र में भी बड़े काम कर सफलता हासिल की जा सकती है। जिस उम्र में अक्सर बच्चे पढ़ाई-लिखाई व मस्ती करते हैं उस उम्र में रेवाड़ी की 11 वर्षीय आराध्या दिल्ली से मुंबई तक की साइकिल यात्रा व कई पर्वत चोटियों की चढ़ाई कर चुकी हैं। आराध्या ने अब तक माउंट एवरेस्ट बेस कैंप सहित छह चोटियों को फतह किया है।
आराध्या इस तरह की यात्राओं से महिला सशक्तीकरण व पौधारोपण का संदेश देती हैं। यह मात्र आठ साल की थी उस दौरान मां और मामा के साथ हिमाचल के हमतापात पहाड़ी को बहुत ही आसानी से चढ़ लिया था। तब सभी ने उनकी बहुत सराहना की। इससे आराध्या को प्रोत्साहन मिला और उन्होंने पर्वतारोहण में दिलचस्पी दिखाई। गयारह साल की उम्र तक आते-आते हैं यह छह अचे पहाड़ चढ़ चुकी हैं। पर्वतारोहण की बेसिक और एडवांस ट्रेनिंग भी ले चुकी हैं। अगले माह वह ट्रेनिंग लेंगी जिसमें 15 दिन बर्फ में रहना होता है।
आराध्या कहती हैं कि जिस तरह से हर पर्वतारोही का सपना माउंट एवरेस्ट फतह करने का होता है, वही मेरा सपना भी है। वह अगले वर्ष मार्च में इस मिशन के लिए जा सकती हैं और अपने इस सपने को पूरा करने के लिए जी-जान से तैयारी कर रही हैं। बताया जा रहा है कि वह हरियाणा की सबसे कम उम्र की पर्वतारोही हैं और अभी आठवीं कक्षा में पढ़ रही हैं।
आराध्या की मां निशा अलवर के शिवाजी पार्क की रहने वाली हैं। उन्होंने बताया कि मैं बचपन से साइक्लिंग करती थी, लेकिन शारीरिक परेशानी के चलते साइकिल चलाना बंद कर दिया। अब मेरी बेटी यह सपना पूरा कर रही है।