चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ के रिक्त पदों के कारण मरीजों को हो रही दिक्कतें
रैणी. जिले में दो बड़े मंत्रियों के होते हुए भी रैणी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) की स्थिति सुधारने में कोई खास प्रगति नहीं हो पाई है। दो दशकों से अधिक समय से सीएचसी में स्टाफ की भारी कमी है। इस कारण मरीजों को सही स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में असमर्थ दिखाई देता है। अस्पताल पर दर्जनों गांवों के लोगों का स्वास्थ्य निर्भर है, लेकिन यह अस्पताल खुद ही जर्जर स्थिति में है, जिससे ग्रामीणों को उचित इलाज के लिए दूर-दराज के अस्पतालों का रुख करना पड़ता है। रैणी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्टाफ की कमी और स्वास्थ्य सेवाओं की अपर्याप्तता, ग्रामीणों के लिए एक गंभीर समस्या बनी हुई है। इससे उनकी स्वास्थ्य समस्याएं और बढ़ रही हैं। समय रहते यदि अधिकारियों ने आवश्यक कदम नहीं उठाए, तो स्थानीय लोगों को और अधिक कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।रैणी सीएचसी में चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ के कई पद लंबे समय से खाली हैं। यहां केवल तीन चिकित्सक कार्यरत हैं, जबकि स्वीकृत सात पदों में से चार पद रिक्त हैं। यही नहीं, कई बार तीन चिकित्सकों में से भी अवकाश पर रहने के कारण मरीजों को सही समय पर उपचार नहीं मिल पाता। नर्सिंग कर्मियों की भी भारी कमी है। इस कमी के कारण गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को विशेष परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार गंभीर रोगियों को तत्काल इलाज नहीं मिल पाता, जिसके कारण उनकी स्थिति और बिगड़ जाती है। समाजसेवी लक्ष्मण पटेल, वरुण सैदावत, राधे सेन, राकेश शर्मा आदि ग्रामीणों का कहना है कि डॉक्टरों और स्टाफ की कमी के कारण वे कई बार अस्पताल में आने के बाद भी निराश लौटते हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए प्रशासन से मांगग्रामीणों ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि रैणी सीएचसी में शीघ्र चिकित्सकों और नर्सिंग कर्मियों की नियुक्ति की जाए। उनका मानना है कि पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध होने पर ही वे स्थानीय स्तर पर उचित स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त कर सकेंगे। समाजसेवी लक्ष्मण पटेल और वरुण सैदावत ने भी इस मुद्दे को गंभीर बताते हुए कहा कि रैणी सीएचसी में स्टाफ की कमी गांवों में स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा रही है और इस पर तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए।सीएचसी की कार्यप्रणाली और सुविधाएं
रैणी सीएचसी में औसतन 9,000 मरीजों का पंजीकरण होता है, जिसमें 450 मरीज अस्पताल में भर्ती होते हैं। अस्पताल का समय 9 बजे से अपराह्न 3 बजे तक है। हालांकि, एक बजे तक सैंपल एकत्रित किए जाते हैं, जिसके बाद रिपोर्ट अगले दिन दी जाती है। इस व्यवस्था से मरीजों को कठिनाई होती है, खासकर उन मरीजों को जिनकी स्थिति गंभीर हो। ग्रामीणों ने इस व्यवस्था को बदलने की मांग की है, ताकि उन्हें समय पर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
उच्च अधिकारियों को अवगत करा दियाअस्पताल में नर्सिंग स्टाफ की कमी है और इस बारे में जनप्रतिनिधियों और उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया गया है। उपलब्ध संसाधनों से अस्पताल की स्थिति को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहे हैं। रैणी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, उपखंड मुख्यालय होने के कारण यहां की सुविधाओं में बढ़ोतरी की आवश्यकता है।ओमप्रकाश मीणा, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, सीएचसी रैणी।