हिंदी में प्रश्नों के अंक 200 और इंग्लिश में उन्हीं प्रश्नों के अंक 140 दिए हुए, जिससे विद्यार्थी परेशानी हैं।
राजर्षि महाविद्यालय में बीएससी ऑनर्स मैथ्स प्रथम और द्वितीय सेमेस्टर के हाल ही हुए चार पेपरों में से तीन के अंकों में गड़बड़ी मिली है। एक ही पेपर में हिंदी और इंग्लिश भाषा में अंकों का बंटवारा अलग-अलग किया हुआ है। बीएसएसी मैथ्स सेमेस्टर प्रथम के पेपर में हिंदी में प्रश्नों के अंक 200 और इंग्लिश में उन्हीं प्रश्नों के अंक 140 दिए हुए, जिससे विद्यार्थी परेशानी हैं। वहीं, सेमेस्टर प्रथम के ऑपरेशन रिसर्च पेपर में हिंदी और इंग्लिश दोनों में 120 अंक की स्कीम है, लेकिन दोनों में अंक अलग-अलग हैं। इस पेपर में सेक्शन बी में गडबड़ी मिली है तथा एक प्रश्न भी गलत दिया हुआ है। यह कॉलेज प्रशासन ने भी माना है।
कॉलेज प्रशासन ने बीएससी ऑनर्स में सेमेस्टर प्रथम के नबर थ्योरी पेपर में भी गड़बडी मिली है। इसमें पेपर के प्रथम में 120 अंक के प्रश्न बताए गए हैं और जब अंदर प्रश्नों का टोटल किया जाता है तो वो केवल 100 अंक हो रहे हैं। यही वजह है कि विद्यार्थी इस समस्या के संबंध में कॉलेज प्रशासन और विश्वविद्यालय के तक पहुंचे हैं, लेकिन अब तक समस्या का समाधान नहीं हुआ है। विद्यार्थियों ने आरटीआई भी लगाई है, इसके बावजूद कॉलेज प्रशासन से कोई जवाब नहीं आया है।
इसी संकाय से पढ़ाई करने वाले चिराग सिरादना ने तीन पेपरों के संबंध में कॉलेज प्रशासन से लेकर विश्वविद्यालय तक चक्कर लगाए। बार-बार होने वाली पेपर गड़बड़ी के बारे में कॉलेज प्रशासन नहीं सुन रहा है। साथ ही इन पेपरों के संबंध में 10 आरटीआई में जवाब मांगा है, लेकिन एक भी आरटीआई का जवाब नहीं दिया है। छात्र ने आरटीआई के लिए प्रथम अपील कर दी है। इनका कहना है कि तीनों पेपरों में गड़बडी हुई है। इसका खमियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है।
पेपर में कोई त्रुटि आती है तो विद्यार्थी 15 दिन के अंदर कॉलेज प्रशासन की ग्रीवेंस कमेटी के समक्ष अपनी समस्या रख सकता हैं। अगर ग्रीवेंस कमेटी में सही पाए जाने पर विद्यार्थी को उचित बोनस अंक दे दिए जाते हैं। एक पेपर में गड़बड़ी हुई थी। - अजय वर्मा, परीक्षा नियंत्रक, राजर्षि महाविद्यालय, अलवर
बीएएसी मैथ्स ऑनर्स में सेमेस्टर 2 में अधिकांश बच्चों के मैथ्स और फिजिक्स में शून्य से लेकर 10 अंक दिए हैं। इसको लेकर विद्यार्थी विरोध कर रहे हैं। छात्रों ने आरोप लगाए हैं कि इस बार परीक्षा की कॉपियों को बिना जांचे ही अंक दे दिए गए हैं, जिससे अधिकांश बच्चों के पेपर ड्यू रह गए हैं। अब ये पेपर विद्यार्थियों को दोबारा देने होंगे।