अलवर नगर निगम में दो जेसीबी खरीद में 13 लाख का घोटाला सामने आने के बाद भी नगर निगम भ्रष्टाचारियों को बचा रहा है। उन जिम्मेदारों के नाम सरकार को नहीं भेजे, जो इसमें शामिल थे।
अलवर नगर निगम में दो जेसीबी खरीद में 13 लाख का घोटाला सामने आने के बाद भी नगर निगम भ्रष्टाचारियों को बचा रहा है। उन जिम्मेदारों के नाम सरकार को नहीं भेजे, जो इसमें शामिल थे। हैरत तो यह है कि प्रशासन ने भी सरकार की इस जांच को दबा दिया। राजस्थान पत्रिका ने खुलासा किया था कि नगर निगम अलवर की ओर से खरीदी गई दोनों जेसीबी में भ्रष्टाचार हुआ है।
क्योंकि यहां दोनों जेसीबी की कीमत 70 लाख से ज्यादा दी गई। यानी एक जेसीबी 35 लाख की आई। यही जेसीबी नगर निगम गाजियाबाद ने उसी कंपनी से 28 लाख में खरीदी। यह मामला सार्वजनिक हुआ तो सरकार के पास शिकायत पहुंची और जांच में भ्रष्टाचार पाया गया। डीएलबी के सतर्कता विभाग ने आरोपियों के नाम मांगे, जो अब तक नहीं भेजे गए। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही नाम सरकार को भेजे जाएंगे।
वहीं दूसरी ओर, निगम में 4.50 करोड़ की लागत से 50 ऑटो टिपर खरीदे गए। इनमें भी भ्रष्टाचार की शिकायत सरकार को भेजी गई है। आरोप लगाए हैं कि वही अधिकारी इसमें भ्रष्टाचार किए हैं, जिन्होंने जेसीबी में 13 लाख का घोटाला किया है। ऐसे में इस मामले की भी जांच शुरू होने जा रही है। नगर निगम इन दोनों मामलों को दबाने में लगा हुआ है।