शहर में यातायात प्रबंधन कागजों में चल रहा है। यही कारण है कि हनुमान सर्किल व जेल सर्किल पर वाहनों का भार बढऩे से जाम लग रहा है। प्रशासन ने कुछ समय पहले यातायात प्रबंधन प्लान तैयार करवाया, लेकिन वह काम नहीं आया।
हैरत, चार जगह लगाई ट्रैफिक लाइट बंद, यहां दिनभर रहता है जाम
हनुमान सर्किल को छोटा कर एक स्लिप लेन बनाने की जरूरत
अलवर. शहर में यातायात प्रबंधन कागजों में चल रहा है। यही कारण है कि हनुमान सर्किल व जेल सर्किल पर वाहनों का भार बढऩे से जाम लग रहा है। प्रशासन ने कुछ समय पहले यातायात प्रबंधन प्लान तैयार करवाया, लेकिन वह काम नहीं आया।
एक्सपर्ट की राय है कि यदि हनुमान सर्किल का आकार कम किया जाए और एक साइड में स्लिप लेन बना दी जाए, तो यहां जाम से मुक्ति मिल सकती है। जेल सर्किल पर स्लिप लेन बनाने से काम चलाया जा सकता है।
हनुमान सर्किल की स्थिति
हनुमान सर्किल शहर का सबसे बड़ा चौक है। यहां से चार लाख से ज्यादा वाहन निकलते हैं, जो दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे के अलावा रामगढ़, भरतपुर, आगरा, मथुरा व यूपी के अन्य हिस्सों में जाते हैं। यहां दिल्ली व पुराना जयपुर मार्ग से वाहनों की आवक ज्यादा होने से वाहन रेंगकर निकलते हैं। तीन साइड में स्लिप लेन है, लेकिन पुलिस चौकी की दिशा में नहीं है, जो जरूरी है। कुछ अतिक्रमण के कारण भी जाम के हालात बनते हैं।
जेल सर्किल पर ऐसे हालात
जेल सर्किल से बहरोड़, तिजारा से वाहनों का आना-जाना है। इसके अलावा जयपुर से इन शहरों को जाने वाले वाहन भी गौरव पथ से ही गुजरते हैं। ऐसे में जेल सर्किल एंट्री प्वाइंट है। यहां से दिन में दो लाख से ज्यादा वाहनों का आना-जाना है। शहर के वाहन भी यहीं से गुजरते हैं। ऐसे में जाम के हालात यहां भी बनते हैं।
किसलिए लगाई ट्रैफिक लाइटें, हमेशा रहती हैं बंद
यहां ट्रैफिक लाइट की जरूरत
इनका कहना है
हनुमान सर्किल को छोटा करके यातायात प्रबंधन किया जा सकता है। साथ ही जेल सर्किल पर स्लिप लेन जरूरी है। इसके अलावा चार जगहों पर लगाई गई ट्रैफिक लाइट चालू की जानी चाहिए। क्योंकि यह दुर्घटना वाले प्वाइंट हैं। दो नई जगहों पर भी ट्रैफिक लाइट की आवश्यकता है। यह होने से यातायात प्रबंधन बेहतर हो सकता है। इस पर प्रशासन को ध्यान देना होगा।