लघु तथा कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहित कर नवाचार के लिए ग्रामीण प्रौद्योगिकी की कार्य समूह के तहत दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ बिजवाड़ नरूका से शुरू हुआ।
लघु तथा कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहित कर नवाचार के लिए ग्रामीण प्रौद्योगिकी की कार्य समूह के तहत दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ बिजवाड़ नरूका से शुरू हुआ। वही एक निजी होटल में करीब 50 से अधिक विभिन्न संस्थाओं से जुड़े हुए पदाधिकारी में कामगार उपस्थित रहे। बिजवाड़ नरूका में मिट्टी के बर्तन बनाने वाले नेतराम प्रजापत को नवाचार के आधार पर कम ईंधन से अधिक बर्तन पकाने के लिए भट्टी उपलब्ध कराई गई है और उनको नई तकनीक से बर्तन बनाने की विधि बताई गई
इस कार्यशाला में हरियाणा राजस्थान दिल्ली से जुड़े हुए दस्तकार मौजूद रहे जहां कार्यशाला के दौरान सभी लोगों ने अपने कुशलतम कार्य की सफलता के बारे में जानकारी दी इस कार्यशाला को आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर श्री रवि प्रोफेसर एस के शाह डॉक्टर के विजयलक्ष्मी मिस्टर वरुण विद्यार्थी मिस्टर अंशुमन गोठवाल तथा लूपिन संस्था के वेद प्रकाश ने विचार व्यक्त किये। प्रोफेसर एम आर रवि ने बताया ग्रामीण प्रौद्योगिकी कार्य समूह तथा सेंटर फॉर एनर्जी एनवायरनमेंट एंड पीपल के संयुक्त तत्वाधान में रूटज ग्रामीण डेवलपमेंट के लिए कार्यक्रम संचालित करती है।
जिससे ग्रामीण क्षेत्र के लघु, कुटीर ,दस्तकार, व्यवसाय से जुड़े हुए कामगारों को उच्च तकनीक की जानकारी देकर उनके जीविकोपार्जन व आर्थिक उन्नति में मददगार हो सके। आईआईटी दिल्ली के शिक्षित प्रशिक्षित इस पर रिसर्च कर भौगोलिक और प्राकृतिक परिस्थितियों से उत्पन्न समस्या के समाधान पर सहयोग प्रदान करते हैं