अंबिकापुर

Shortage of Fertilizers: टीएस बोले- खाद की कमी से जूझ रहे संभाग भर के किसान, कई सोसायटी में उपलब्धता शून्य

Shortage of Fertilizers: पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव का कहना कि सरगुजा संभाग में करीब 24 हजार टन खाद भंडारण का रखा गया था लक्ष्य, परन्तु वर्तमान में केवल 3946 टन खाद ही उपलब्ध हो पाया

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TS Singhdeo in press conference

अंबिकापुर. संभाग भर के किसान खाद की कमी (Shortage of Fertilizers) से जूझ रहे हैं। ऐसे ही हालात रहे तो इस वर्ष खरीफ की फसल के पैदावार में काफी असर पड़ेगा। उक्त बातें बुधवार को जिला कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कही। उन्होंने सरकार पर खरीफ फसल के लिए खाद उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लगाते हुए कहा है कि सरगुजा संभाग भर में करीब 24 हजार टन खाद भंडारण का लक्ष्य रखा गया था, परन्तु वर्तमान में केवल 3946.24 टन खाद ही उपलब्ध हो पाया है, जो कुल लक्ष्य का करीब 16 प्रतिशत है।

उन्होंने कहा कि यूरिया भी 50 प्रतिशत ही उपलब्ध (Shortage of Fertilizers) हो पाया है। वर्तमान में कृषि कार्य प्रारंभ हो रहा है, ऐसे में डीएपी खाद की आवश्यकता यूरिया से अधिक है जिसकी उपलब्धता सुनिश्चित नहीं हो पा रही है। सिंहदेव ने कहा कि सरगुजा जिले में 19 हजार 200 क्विंटल खाद की आवश्यकता है, वर्तमान में केवल 3 हजार 450 क्विंटल खाद ही समितियों तक पहुंचा है।

खाद की कमी (Shortage of Fertilizers) के कारण किसानों की फसलों को पोषक तत्व प्रदान करने में समस्या आ रही है, इसका सीधा असर इनकी पैदावार पर पड़ेगा।

इस दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष बालकृष्ण पाठक, प्रदेश महामंत्री जेपी गुप्ता, पूर्व जिलाध्यक्ष अजय अग्रवाल, राकेश गुप्ता, पूर्व महापौर डॉ. अजय तिर्की, नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद, द्वितेन्द्र मिश्रा, हेमंत सिन्हा, मो. इस्लाम खान, नुरूल अमीन सिद्दीकी, अनूप मेहता, शैलेन्द्र प्रताप सिंह सहित अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित थे।

Shortage of Fertilizers: लुण्ड्रा विस की स्थिति सबसे खराब

टीएस सिंहदेव ने कहा कि सरगुजा जिले के लुण्ड्रा में तो खाद आबंटन की स्थिति सबसे खराब है। यहां के 12 समितियों में से 8 समितियां ऐसी हैं, जहां पर इफको खाद की उपलब्धता तथा 6 समितियों में डीएपी (Shortage of Fertilizers) की उपलब्धता शून्य है। ऐसे में किसानों को खेती का कार्य करने में कितनी परेशानी होगी, इसे समझा जा सकता है।

खाद की कमी (Shortage of Fertilizers) को दूर करने के लिए निजी दुकानों से खाद की खरीदी कर वैकल्पिक व्यवस्था बनाना खर्चीला है, जिस कारण किसान काफी परेशान हैं। पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहला वर्ष है जब किसानों को खरीफ सीजन में शासकीय योजनाओं के तहत शून्य लाभ मिला है।

Published on:
18 Jun 2025 08:40 pm
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