अंबिकापुर। चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों व इससे संबद्ध अस्पतालों में मीडिया के लिए प्रोटोकॉल (Hospital's Protocol for Media) जारी किया गया है। इसमें मुख्य रूप से यह कहा गया है कि बिना वहां के पीआरओ की अनुमति के वे इन संस्थानों में प्रवेश नहीं कर सकते हैं। यदि कोई जानकारी चाहिए तो उन्हें जनसंपर्क अधिकारी के माध्यम से ही दिए जाएंगे। इसे लेकर यह सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या मीडिया पीआरओ की जानकारी के अनुसार खबरें पब्लिक करेगा। इसे लेकर पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने अप्रजातांत्रिक बताया है।
टीएस सिंहदेव ने कहा है कि स्वास्थ्य शिक्षा के अंतर्गत जो अस्पताल (Hospital's Protocol for Media) संचालित हैं, उसमें मीडिया के ऊपर एक प्रतिबंध सा लगाया गया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा मीडियाकर्मियों के लिए जारी इन निर्देशों का हम विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी मीडियाकर्मी ऑपरेशन थियेटर या डिलीवरी रूम में जाकर फोटो थोड़ी खींचता है।
जब तक मरीज कोई जानकारी नहीं देगा तो मीडिया (Hospital's Protocol for Media) कहां से छापेगा। हेल्थ एंड वेलफेयर डिपार्टमेंट ने जारी नहीं किया है, बल्कि मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट ने 10 बिंदुओं पर निर्देश जारी किया है, यह पूरी तरह से अप्रजातांत्रिक है। यह मीडिया के दायित्वों और उनके अधिकारों का हनन है।
सिंहदेव ने कहा कि कोई भी तथ्यहीन या भ्रामक समाचार, जो स्वास्थ्य के तथ्य को विपरीत प्रभाव डालेगा, लोगों में अविश्वास पैदा करेगा। इसके लिए कानून में प्रावधान है कि मीडिया (Hospital's Protocol for Media) पर कार्रवाई की जा सकती है। लेकिन यह कौन सी बात है कि एक व्यक्ति आएगा और वह आपको ब्रीफिंग देगा।
रायपुर में कैंसर, अस्थि, गायनोलॉजी, ईएनटी डिपार्टमेंट अलग-अलग हैं तो मीडिया सारे डिपार्टमेंट की जानकारी कहां से मंगाएगा। एक आदमी से बिना परमिशन लिए आप छाप भी नहीं सकते।
पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि मीडिया (Hospital's Protocol for Media) पर ये जो पाबंदी लगाई जा रही है, इसका सबसे पहला नुकसान मरीज को होगा। मीडिया प्रजातंत्र में वह माध्यम है कि जहां शासन व समाज की व्यवस्थाओं में कमी पाई जाती है, उनको वह उजागर करता है। यह एक बड़ा दायित्व व जिम्मेदारी उनके पास रहती है।
उसमें यदि कोई कमी है, यदि वे दायित्वों के निर्वहन (Hospital's Protocol for Media) में ऐसा कोई काम करते हैं जो कानून को लांघता है। यह लागू होता है ज्यूडिशयरी व जनप्रतिनिधियों के ऊपर, यदि वे कोई गलत बात करें तो कार्रवाई के प्रावधान हैं, लेकिन अब ये मीडिया के ऊपर भी लागू हो रहा है।
सिंहदेव ने कहा कि ऐसी क्या बात है कि छिपा रहे हैं, क्या छिपाना है। मीडिया (Hospital's Protocol for Media) यदि किसी कमी को नहीं उठाएगा तो क्या करेगा, वह घर में बैठेगा। किसी कमी को मीडिया इसलिए उठाता है कि उसमें सुधार किया जा सके और समाज को इसका लाभ मिल सके। इसका हम सभी साथी कड़े शब्दों में विरोध करते हैं। यह प्रजातांत्रिक मूल्यों से हटकर ऐसे निर्देश जारी किए जा रहे हैं, ताकि मीडिया के दायित्वों का सीमित किया जाए।
Updated on:
18 Jun 2025 03:59 pm
Published on:
18 Jun 2025 03:50 pm