Unnatural relation: अप्राकृतिक यौन उत्पीडऩ के मामले में शामिल दो में से एक आरोपी के खिलाफ फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला
अंबिकापुर. अनुसूचित जनजाति वर्ग के 15 वर्षीय बालक के साथ अप्राकृतिक यौन उत्पीडऩ (Unnatural relation) के मामले में फास्ट ट्रेक स्पेशल कोर्ट अंबिकापुर ने आरोपी को 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। वहीं कोर्ट ने पीडि़त क्षतिपूर्ति निधि से पीडि़त बालक को 5 लाख रुपए क्षतिपूर्ति राशि प्रदान करने की अनुशंसा की है। दरअसल 9 वर्ष पूर्व स्कूल के एक चपरासी ने नाबालिग बालक से दोस्ती की थी, फिर अपने सहयोगी के साथ मिलकर उसके साथ कई बार अप्राकृतिक संबंध बनाए थे। वहीं वीडियो वायरल करने की धमकी देते हुए रुपए की मांग कर किशोर को उन्होंने जान से मारने की धमकी भी दी थी।
मैनपाट स्कूल में पदस्थ चपरासी संजय नामदेव ने अप्रैल 2015 में अनुसूचित जनजाति वर्ग के एक 15 वर्षीय किशोर से पहले दोस्ती की। इसके बाद अपने साथी अशोक चौधरी पिता शिवधारी राम चौधरी उम्र 20 वर्ष नर्मदापुर वार्ड क्रमांक 8 मांझापारा थाना कमलेश्वरपुर के साथ जगह-जगह ले जाकर कई बार उसके साथ अप्राकृतिक (Unnatural relation) यौन उत्पीडऩ किया था।
आरोपियों ने घटना का वीडियो बनाने की बात कहते हुए उसे वायरल करने की धमकी देकर 45 हजार रुपए की मांग करते थे। आरोपियों के यौन प्रताडऩा (Unnatural relation) से परेशान होकर बालक ने 27 अक्टूबर 2015 को मामले की जानकारी अपनी मां को दी। इसके बाद परिजन ने 29 अक्टूबर को मामले की रिपोर्ट कमलेश्वरपुर थाना में दर्ज कराई थी।
मामले (Unnatural relation) में पुलिस शून्य पर अपराध दर्ज कर विवेचना के लिए अजाक थाना अंबिकापुर भेज दिया था। मामले की जांच के बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल दाखिल कर दिया था। वहीं मामले की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (पॉक्सो एक्ट) अंबिकापुर में चल रहा था।
मामले (Unnatural relation) की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश कमलेश जगदल्ला ने साक्ष्य के आधार पर आरोपी अशोक चौधरी के खिलाफ धारा 377, 386, 506, 342, 3 (क)/4, 5 (छ) (ठ)/6 एवं 3(2-5) में दोषी पाए जाने पर 20 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। वहीं कोर्ट ने पीडि़त क्षतिपूर्ति निधि से पीडि़त बालक को 5 लाख रुपए क्षतिपूर्ति राशि प्रदान करने की अनुशंसा की है।