Amroha Flood News: यूपी के अमरोहा में गंगा नदी का जलस्तर 30 सेमी बढ़ने से तटवर्ती गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। बिजनौर बैराज से 35 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद कई गांवों के खेत जलमग्न हो गए हैं।
Amroha Flood Situation: उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के गजरौला क्षेत्र में गंगा नदी का जलस्तर एक बार फिर से तेजी से बढ़ा है। तिगरी घाट पर बीते 24 घंटों में गंगा के जलस्तर में 30 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे न सिर्फ नदी का प्रवाह क्षेत्र बढ़ गया है, बल्कि तटवर्ती गांवों में भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
शनिवार की रात हुई भारी बारिश के बाद बिजनौर बैराज से 35 हजार क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा गया, जिससे रविवार को गंगा का जलस्तर 199.80 मीटर से बढ़कर 200.10 मीटर तक पहुंच गया। यह स्थिति ग्रामीणों के लिए खतरनाक संकेत लेकर आई है, खासकर उन गांवों के लिए जो गंगा के बिल्कुल किनारे बसे हुए हैं।
गंगा के जलस्तर में वृद्धि से तिगरी, ओसीता जगदेपुर, रसूलपुर, चकनवाला ऐतवाली, दारानगर, देवीपुर, पपसरी खादर, शाहजहांपुर छात, रानी बसतौरा जैसे गांवों के खेतों में पानी भर चुका है। इस कारण किसानों की फसलें पूरी तरह से डूब चुकी हैं और भविष्य की फसल की तैयारी भी ठप हो गई है। किसान लगातार खेतों की निगरानी कर रहे हैं, लेकिन जलभराव के चलते कुछ कर पाने में असमर्थ हैं।
बाढ़ खंड विभाग ने संभावित खतरे को देखते हुए तटवर्ती गांवों में अलर्ट जारी कर दिया है। विभाग ने बताया कि यदि पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश जारी रही तो जलस्तर और भी बढ़ सकता है। प्रशासन की टीमों को तैयार रखा गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति में राहत और बचाव कार्य तुरंत शुरू किया जा सके।
गांव दारानगर में गंगा के जलस्तर में वृद्धि के कारण रामगंगा पोषक नहर पर बना पैंटून पुल हटा दिया गया है। अब ग्रामीण नावों की मदद से एक से दूसरी तरफ आ-जा रहे हैं। बाइक सवार भी अपनी गाड़ियों को नाव पर लादकर नहर पार कर रहे हैं।
वहीं ओसीता जगदेपुर गांव में गंगा का पानी खेतों को पूरी तरह निगल चुका है। यहां के ग्रामीण पशुओं के लिए चारा लाने और आवाजाही के लिए भैंसा बुग्गी का इस्तेमाल कर रहे हैं। पानी के बीच से भैंसा बुग्गी से गुजरना अब उनकी मजबूरी बन चुकी है।
गंगा का जलस्तर बढ़ने से मंदिर वाली भुड्डी, शीशो वाली, दारानगर, अलीनगर, चकनवाला ऐतवाली, सुल्तानपुर, ओसीता जगदेपुर, रसूलपुर भंवर, रसूलपुर एहतमाली, देवीपुर उर्फ मोहसनपुर, पपसरी खादर, मुकरामपुर, शाहजहांपुर छात, रमपुर खादर, चांदरा फॉर्म, रानी बसतौरा, बिसाबली, कुई वाली, देव वाली, पट्टी खादर, झुंडपुरा, सिरसा गुर्जर की मढैया, सतैडा की मढैया, गंगानगर, पौरारा, दियावली आदि गांव प्रभावित हो रहे हैं।
यह सभी गांव गंगा के नजदीक हैं और जलस्तर में थोड़ी सी भी वृद्धि इनके लिए संकट का कारण बन जाती है।
ग्रामीणों का कहना है कि यदि बारिश इसी तरह जारी रही और गंगा का जलस्तर और बढ़ा तो पानी उनके घरों तक भी पहुंच सकता है। प्रशासन को जल्द ही नावों और राहत सामग्री की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि आपात स्थिति में उन्हें मदद मिल सके।