अशोकनगर

नदी के जिस घाट पर पड़े थे आचार्यश्री के कदम, वहां मछली पकड़ने पर लगा प्रतिबंध

Fishing Banned : आचार्यश्री विद्यासागर महाराज 2 दिसंबर 2018 को यूपी के देवगढ़ से बेतवा नदी को नाव से पार कर इस घाट पर आए थे। अब इस घाट को आस्था का प्रतीक मानते हुए जिला पंचायत सीईओ ने मछली कारोबार के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।

2 min read

Fishing Banned : साढ़े छह साल पहले बेतवा नदी के जिस घाट से आचार्यश्री ने जिले में अपने कदम रखे थे, प्रशासन ने उस घाट पर मछली कारोबार व मत्स्य शिकार पर प्रतिबंध लगा दिया है। इससे अब इस जगह पर कोई भी बेतवा नदी में मछलियों का शिकार नहीं कर पाएगा।

मामला मध्य प्रदेश के अशोक नगर जिले के अंतर्गत आने वाले मुंगावली की ग्राम पंचायत सोनाखेड़ी के ग्राम ढिमरौली के किस्ती घाट का है। आचार्यश्री विद्यासागर महाराज 2 दिसंबर 2018 को उप्र के देवगढ़ से बेतवा नदी को नाव से पार कर इस घाट पर पहुंचे थे। तो बेतवा नदी के मछली ठेके के पार्टनर ठेकेदार रणजीतसिंह उर्फ रामलला सिकरवार ने आचार्यश्री के सामने करोड़ों का मछली ठेका छोड़ने का निर्णय लिया और आजीवन मत्स्य पालन न करने का निर्णय लिया था। जिला पंचायत सीईओ राजेश कुमार जैन ने ढिमरौली के किस्ती घाट पर मछली कारोबार से प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिया है।

पहली बार नाव में विराजमान हुए थे आचार्यश्री

बता दें, तेज गर्मी हो या फिर बारिश या भीषण सर्दी का मौसम, हर तरह के मौसम में हमेशा पैदल विहार करने वाले आचार्यश्री पहली बार नाव में विराजमान हुए थे।

पहली बार किया था नौका विहार

बीच में 400 मीटर चौड़ी गहरी बेतवा नदी थी और आचार्यश्री के स्वागत में श्रद्धालु जिले में बेतवा नदी के इस घाट पर खड़े हुए थे, इससे आचार्यश्री पहली बार नाव में विराजमान हुए और नाव से उन्होंने गहरी व चौड़ी बेतवा नदी को पार किया था। इससे आचार्यश्री की नाव यात्रा और रामलला सिकरवार के त्याग की स्मृति को जीवंत बनाने के लिए इस घाट को मतस्य कारोबार के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया गया है।

Published on:
12 May 2025 09:52 am
Also Read
View All

अगली खबर