Chandra Grahan 2025 Effect: साल का पहला चंद्र ग्रहण 2025 इस साल धुलंडी यानी होली 2025 पर्व पर लगने वाला है। इसका बड़ा ज्योतिषीय महत्व है, कन्य राशि में बन रहा ग्रहण योग विपदा ला सकती है तो उन्नति का रास्ता भी तैयार करेगा। ज्योतिषी डॉ. अनीष व्यास से आइये जानते हैं धलुंडी पर बन रहे ग्रहण योग का आप पर क्या असर हो सकता है (Grahan Yog in Kanya)।
Grahan Yog in Kanya Rashi: जयपुर के ज्योतिषी डॉ. अनीष व्यास के अनुसार होलिका दहन के अगले दिन धुलंडी पर यानी होली पर 14 मार्च को चंद्र ग्रहण लगेगा। चंद्र ग्रहण सुबह 9:29 बजे से दोपहर 3.29 बजे तक रहेगा।
भारत में यह चंद्र ग्रहण नहीं दिखाई देने से इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। इसका किसी भी प्रकार से कोई धार्मिक महत्व नहीं होगा। इस दौरान चंद्रमा कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में विराजमान रहेंगे। इस दौरान कन्या राशि में पहले से ही केतु रहेंगे, जिससे दो ग्रहों की युति होगी। माना जा रहा है कि इस युति से ग्रहण योग बन रहा है। इसका देश दुनिया पर बड़ा असर पड़ेगा। आइये जानते हैं हर सवाल का जवाब ..
ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा साल 2025 का पहला चंद्र ग्रहण चंद्र ग्रहण होगा जो मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया के अधिकांश भाग यूरोप, अफ्रीका के अधिकांश भाग, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत अटलांटिक आर्कटिक महासागर, पूर्वी एशिया और अंटार्कटिका, आदि क्षेत्रों में दिखाई देगा। यह भारत में दिखाई नहीं देगा।
खगोलीय दृष्टि से यह चंद्र ग्रहण सिंह राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में लगेगा, इसलिए सिंह राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में जन्मे लोगों के लिए यह ग्रहण विशेष रूप से प्रभावशाली रहने वाला है।
चंद्र ग्रहण के दिन चंद्रमा से सप्तम भाव में सूर्य और शनि विराजमान रहेंगे और चंद्रमा को पूर्ण सप्तम दृष्टि से देखेंगे। ऐसे में इसका प्रभाव और भी गहरा देखने को मिलेगा। इस दिन चंद्रमा से दूसरे भाव में केतु, सप्तम भाव में सूर्य और शनि, अष्टम भाव में राहु, बुध और शुक्र, दशम भाव में बृहस्पति और एकादश भाव में मंगल विराजमान होंगे।
ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा के अनुसार ज्योतिषीय दृष्टि से यह चंद्र ग्रहण सिंह राशि और उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में लगेगा, जो इसे विशेष रूप से प्रभावशाली बनाता है। ग्रहण के समय चंद्रमा अपनी राशि सिंह में रहेगा, जबकि सूर्य और शनि चंद्रमा के सातवें भाव में स्थित होकर उस पर पूर्ण सप्तम दृष्टि डालेंगे, जिससे ग्रहण का प्रभाव तीव्र होगा।
केतु चंद्रमा के द्वितीय भाव में स्थित रहेगा, जिससे मानसिक तनाव की स्थिति बन सकती है। राहु, बुध और शुक्र चंद्रमा के आठवें भाव में स्थित होंगे, जिससे कुछ राशियों पर मिश्रित प्रभाव पड़ेगा। गुरु (बृहस्पति) चंद्रमा के दशम भाव में रहेगा, जिससे धार्मिक और आध्यात्मिक प्रवृत्तियों में वृद्धि होगी। मंगल चंद्रमा के एकादश भाव में स्थित रहेगा, जो साहस और ऊर्जा को बढ़ाने का कार्य करेगा।
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ज्योतिषाचार्या नीतिका शर्मा ने बताया कि चंद्र ग्रहण की वजह से प्राकृतिक आपदाओं का समय से ज्यादा प्रकोप देखने को मिलेगा। इसमें भूकंप, बाढ़, सुनामी, विमान दुर्घटनाएं का संकेत मिल रहे हैं। हालांकि प्राकृतिक आपदा में जनहानि कम ही होने की संभावना है। वायुयान दुर्घटना होने की आशंका है।
इसके अलावा फिल्म और राजनीति से दुखद समाचार मिल सकते हैं, हालांकि व्यापार में तेजी आएगी। बीमारियों में कमी आएगी। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। आय में इजाफा होगा।
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पूरे विश्व में राजनीतिक अस्थिरता यानि राजनीतिक माहौल उच्च होगा। राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप ज्यादा होंगे। सत्ता संगठन में बदलाव होंगे। पूरे विश्व में सीमा पर तनाव शुरू हो जाएगा। आंदोलन, हिंसा, धरना प्रदर्शन हड़ताल, बैंक घोटाला, उपद्रव और आगजनी की स्थितियां बन सकती है।
ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा के अनुसार साल 2025 का पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च को लगेगा। यह ग्रहण फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा के दिन घटित होगा।
उपच्छाया ग्रहण शुरूः सुबह 9.27 बजे
आंशिक ग्रहण शुरूः सुबह 10.41 बजे
पूर्ण चंद्रग्रहण शुरूः सुबह 11.56 बजे
अधिकतम ग्रहणः दोपहर 12.28 बजे
पूर्ण चंद्रग्रहण समाप्तः दोपहर 1.01 बजे
आंशिक चंद्रग्रहण समाप्तः दोपहर 2.18 बजे
उपच्छाया चंद्रग्रहण समाप्तः दोपहर 3.30 बजे