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Confusion On Holi Date: होली 14 मार्च को या 15 को, जानिए होलिका दहन और होली 2025 की सही तारीख

Confusion On Holi Date: हिंदुओं के एक और त्योहार होली 2025 के सेलिब्रेशन पर इस समय कंफ्यूजन की स्थिति बन गई है। लोग सर्च इंजन गूगल पर लोग इसका उत्तर तलाश रहे हैं तो आइये जानते हैं होलिका दहन और होली 2025 की सही तारीख ..

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Mar 10, 2025
Confusion On Holi Date: होलिका दहन और होली की सही तारीख

Confusion Over Holi: ग्रंथों के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होलिका दहन या छोटी होली मनाई जाती है और अगले दिन धुलेंडी या होली खेली जाती है। लेकिन कुछ ज्योतिषी होलाष्टक 6 मार्च से तो कुछ 7 मार्च से मान रहे हैं, इससे कुछ फाल्गुन पूर्णिमा 13 मार्च को तो कुछ 14 मार्च को मान रहे हैं, इसी कारण होली 2025 भी कुछ के अनुसार 14 मार्च को होनी चाहिए और कुछ के अनुसार 15 मार्च को, आइये जानते हैं की होलिका दहन का समय 2025 और होली 2025 की सही तारीख क्या है।

कब है फाल्गुन पूर्णिमा, होलिका दहन और होली

शास्त्रों के अनुसार फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से होलाष्टक शुरू हो जाते हैं और यह फाल्गुन पूर्णिमा को संपन्न होते हैं। ज्योतिषी नीतिका शर्मा के अनुसार फाल्गुन शुक्ल अष्टमी की शुरुआत गुरुवार 6 मार्च को प्रात: 10:51 बजे हुई है और पूर्णिमा 13 मार्च को होगी (सुबह 10.36 बजे से अगले दिन 14 मार्च को 12.15 बजे तक) , उसके एक दिन बाद 14 मार्च को होली खेली जाएगी।


लेकिन कई लोग उदयातिथि के नियम से त्योहार मनाते हैं, ऐसे में वो पूर्णिमा 14 मार्च को मानेंगे, ऐसे में होली 2025 अगले दिन 15 मार्च को होली हुई। लेकिन ज्योतिषी नीतिका शर्मा कहती हैं कि 15 मार्च को उदय व्यापिनी पूर्णिमा का मान तीन प्रहर से कम है और शास्त्रीय मत है कि पूर्णिमा तिथि का मान तीन प्रहर से कम होने पर पहले दिन का मान निकालकर होलिका दहन करना चाहिए।

इसलिए होलिका दहन 14 मार्च की बजाय 13 मार्च को ही करना बेहतर है। वहीं होली 14 मार्च को चैत्र कृष्ण प्रतिपदा मानकर मनाना चाहिए न कि उदयातिथि में 15 मार्च 2025 को (बता दें कि पंचांग भेद और स्थानीय समय के अनुसार तिथि में 1 से 5 मिनट तक की घटबढ़ रहती है)।

मिथिला में होली 15 मार्च को

मिथिला क्षेत्र के ज्योतिषियों के अनुसार उदयातिथि में पूर्णिमा 14 को होगी और चैत्र कृष्‍ण पक्ष प्रतिपदा 15 मार्च को होगी, इसलिए 14 मार्च को होलिका दहन और होली 2025 का सेलिब्रेशन करना चाहिए।


ऐसे लोगों का यह भी तर्क है कि 13 मार्च को प्रदोषकाल में भद्रा होने से होलिका दहन नहीं होगा। लेकिन 14 मार्च को दिन में ही प्रतिपदा तिथि आ जाएगी और होलिका दहन रात को ही किया जान चाहिए और रात की पूर्णिमा 13 मार्च को ही रहेगी।

साथ ही देर रात भद्रा खत्म होने के बाद होलिका दहन किया जा सकता है और होली के ठंडी होने के बाद धुलेंडी मनाई जा सकती है यानी रंग खेला जा सकता है। साथ ही होली दिन का त्योहार है, रात का नहीं। इसलिए होली 14 मार्च को मनाना चाहिए।

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आइये जानते हैं फाल्गुन पूर्णिमा तिथि का समय


पूर्णिमा तिथि प्रारम्भः 13 मार्च 2025 को सुबह 10:35 बजे
पूर्णिमा तिथि समापनः 14 मार्च 2025 को दोपहर 12:23 बजे
14 मार्च को चंद्रोदयः शाम 06:44 बजे
फाल्गुन पूर्णिमा उपवास और चंद्रोदयः बृहस्पतिवार 13 मार्च और चंद्रोदय शाम 05:52 बजे

शास्त्र अनुसार कब करें होलिका दहन

ज्योतिषी नीतिका शर्मा के अनुसार शास्त्र के अनुसार होलिका दहन रात्रि व्यापिनी पूर्णिमा पर होना चाहिए, इसलिए भूलोक पर भद्रा वास समय बीतने के बाद 13 मार्च को किया जाना चाहिए। आइये जानते हैं होलिका दहन पर भद्रा का समय


13 मार्च को फाल्गुन पूर्णिमा यानी होलिका दहन के दिन भद्रा का समयः सुबह 10:36 से मध्य रात्रि 11:27 तक
भद्रा बीतने के बाद होलिका दहन का समयः मध्य रात्रि 11:28 से मध्य रात्रि 12:15 बजे तक (कुल 47 मिनट)

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ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा के अनुसार होलिका दहन 13 मार्च को करने के बाद अगले दिन 14 मार्च को होली 2025 का सेलिब्रेशन करना चाहिए।

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