
Brihaspati Rahu Ketu Shani Rashi Parivartan terrible yog 2025: बृहस्पति राशि परिवर्तन 2025
Rashi Parivartan 2025: कब कौन सा ग्रह राशि परिवर्तन करेगा और इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, यह सवाल मन में है तो पहले जानिए कब किस ग्रह का गोचर होगा, फिर जानेंगे इन ग्रह गोचर का व्यक्तियों पर क्या असर पड़ेगा।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार साल 2025 में 4 बड़े ग्रह राशि परिवर्तन करेंगे। इनमें सबसे पहले 29 मार्च को शनि गोचर करके मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इसके बाद 14 मई को मिथुन राशि में बृहस्पति गोचर करेंगे, फिर 18 मई 2025 को राहु का गोचर मीन राशि से कुंभ राशि में होगा। इसी डेट पर केतु कन्या से निकलकर सिंह राशि में गोचर शुरू करेगा। यह स्थितियां बड़ी चुनौतीपूर्ण हो सकती हैं।
कुछ ज्योतिषियों का मानना है कि ग्रहों की कुछ यही स्थिति दूसरे विश्वयुद्ध के समय बनी थी। इसके प्रभाव से महामारी, भूकंप, बाढ़, दंगा, विद्रोह, आंदोलन, तख्तापलट, युद्ध, आतंकवाद और महंगाई बढ़ सकते हैं। आइये जानते हैं शनि गोचर, बृहस्पति राशि परिवर्तन, राहु गोचर, केतु गोचर का क्या असर पड़ेगा ..
पंचांग के अनुसार कर्मफलदाता शनि 29 मार्च 2025 को मीन राशि में गोचर करेंगे। ज्योतिषियों का मानना है कि कोरोना महामारी की शुरुआत के समय शनि ने मकर राशि में प्रवेश किया था। फिर जब कुंभ राशि में शनि पहुंचे तो देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंचा, रूस यूक्रेन, इजराइल फिलिस्तीन में बड़े संघर्ष हुए।
18 मई तक यहां शनि राहु के साथ युति भी बनाएंगे, जो शनि को भ्रमित करने का भी प्रयास करेगा और व्यक्ति पर परेशानी आ सकती है। इसके अलावा मीन राशि में बुध, शुक्र, सूर्य और चंद्रमा भी रहेंगे। इस तरह शनि मीन राशि में आएंगे तो भी बड़ी घटनाएं घट सकती हैं।
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हिंदू पंचांग के अनुसार 14 मई 2025 से गुरु मिथुन राशि में 3 गुना अतिचारी (यानी वे अब तेज गति से एक राशि को बहुत कम समय में पार करके फिर उसी राशि में वक्री अवस्था में लौटेंगे और फिर मार्गी होकर फिर अगली राशि में चले जाएंगे) हो रहे हैं। ऐसी स्थिति 8 वर्षों तक उनकी बनी रहेगी। बृहस्पति की इस असामान्य गति से धरती पर हलचल बढ़ जाएगी, क्योंकि बृहस्पति की मीन राशि में शनि और राहु की युति 18 मई 2025 तक रहेगी।
बृहस्पति ग्रह जीवन, शीतलता, सुख, समृद्धि, उन्नति और बुद्धि प्रदान करता है परंतु जब इसकी चाल बिगड़ जाए तो भारी नुकसान करता है। इसके कारण बड़े पैमाने पर जलवायु परिवर्तन, मौसम और तापमान में बदलाव की स्थितियां बन सकती हैं। बृहस्पति के अतिचारी होने से जहां धर्म, अध्यात्म, ज्ञान के क्षेत्र में उन्नति होगी, वहीं विभिन्न देश युद्ध की ओर भी बढ़ सकते हैं।
कहा यह भी जाता है कि महाभारत के समय की खगोलीय घटनाओं के अध्ययन से पता चलता है कि तब भी गुरु ग्रह 7 वर्षों के लिए अतिचारी हुए थे। इसी समय महायुद्ध हुआ था, वहीं अतिचारी गुरु ज्ञान के द्वार भी खोलते हैं। इसी कारण भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत युद्ध के दौरान गीता का उपदेश दिया था। पहले और दूसरे विश्वयुद्ध के समय भी गुरु की चाल असामान्य थी।
पंचांग के अनुसार 18 मई 2025 को राहु ग्रह बृहस्पति की राशि मीन से निकलकर कुंभ में प्रवेश करेंगे। कुंभ में राहु के जाने से देश दुनिया हलचल और तेज हो जाएगी। कोरोना वायरस की तरह किसी नई महामारी के आने की आशंका है। टेक्नोलॉजी इतनी विकसित हो जाएगी, जिसकी कभी किसी ने कल्पना नहीं की होगी। लोग अंतरिक्ष में जाने की योजना बनाएंगे।
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मान्यता है कि महाभारत युद्ध के समय बृहस्पति और शनि वक्री अवस्था में थे और बृस्पति की चाल अतिचारी थी। इस साल शनि 27 नवंबर 2025 तक वक्री रहेंगे और गुरु 11 नवंबर को वक्री होंगे।
इसके अलावा मान्यता है कि शनि मकर, कुंभ और मीन राशि में होते हैं तो भारी तबाही मचाते हैं। हालांकि उस समय कई और संयोग बने थे जैसे 13 दिन का पक्ष था यानी 13 वें दिन अमावस्या, शनि रोहिणी नक्षत्र में, समेत कई अन्य ग्रहीय स्थितियां मेल नहीं खातीं। हालांकि कई भयंकर योग चिंता भी बढ़ा रहे हैं।
डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
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Updated on:
11 Mar 2025 08:45 am
Published on:
10 Mar 2025 05:54 pm
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