13 और 14 दिसंबर की रात आसमान में जेमिनिड्स मीटियोर शावर दिखाई देगा, जिसे साल की सबसे शक्तिशाली और शुभ खगोलीय घटना माना जाता है। इस दौरान टूटते तारों को देखकर मन से की गई इच्छा के पूरे होने की मान्यता है। यह रात पॉजिटिव एनर्जी, आत्मचिंतन और नई शुरुआत के लिए बेहद खास मानी जाती है।
13 और 14 दिसंबर की रात सिर्फ़ खगोल विज्ञान के लिहाज़ से ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक मान्यताओं के अनुसार भी बहुत खास मानी जा रही है। इन दो रातों में आसमान में Geminids Meteor Shower दिखाई देगा, जिसे साल की सबसे शानदार उल्का-वर्षा कहा जाता है। इसी वजह से लोग इसे एक मैजिकल और पावरफुल रात मान रहे हैं।
हर साल दिसंबर के बीच में जेमिनिड्स मीटियोर शावर होता है। इस दौरान धरती अंतरिक्ष के ऐसे हिस्से से गुजरती है, जहाँ बहुत छोटे-छोटे धूल के कण मौजूद होते हैं। ये कण जब धरती के वातावरण में घुसते हैं, तो जलते हुए टूटते तारों जैसे दिखते हैं। अगर आसमान साफ़ रहा, तो एक घंटे में 50 से 100 तक टूटते तारे भी दिख सकते हैं।
मान्यता है कि इन रातों में यूनिवर्स में एक खास तरह की कॉस्मिक एनर्जी एक्टिव होती है। कहा जाता है कि इस समय पॉजिटिव एनर्जी ज़्यादा स्ट्रॉन्ग होती है। इसी वजह से लोग मानते हैं कि अगर आप इस दौरान कोई टूटता तारा देखें और मन में कोई इच्छा करें, तो उसके पूरे होने की संभावना बढ़ जाती है।
अगर आपको आसमान में तारा दिख जाए, तो:
-उसी पल अपनी आंखें बंद करें
-मन में अपनी इच्छा साफ़-साफ़ सोचें
-किसी को भी अपनी इच्छा न बताएं
-दिल में शुक्रिया (gratitude) का भाव रखें
-ऐसा माना जाता है कि इससे आपकी इच्छा सीधे यूनिवर्स तक पहुंचती है।
इस रात लोग ध्यान (Meditation) करते हैं, पुराने नेगेटिव विचार छोड़ने का संकल्प लेते हैं और नई शुरुआत की प्लानिंग करते हैं।
कुछ लोग इसे Manifestation Night भी मानते हैं, यानी अपनी जिंदगी में जो चाहते हैं, उसे मन से बुलाने की रात।
अगर आप ज्योतिष या आध्यात्म में विश्वास रखते हैं, तो यह रात खुद से जुड़ने और पॉजिटिव सोच के साथ आगे बढ़ने का अच्छा मौका मानी जाती है।