Lohe ka Challa: ज्योतिष शास्त्र में हर एक धातु का संबंध किसी ना किसी ग्रह से बताया गया है। आज हम बात करने जा रहे हैं कि हमें लोहे की अंगूठी किस उंगली में पहननी चाहिए। आइए जानते हैं इसके फायदे और नियम।
Lohe ka Challa: आजकल आपने बहुत सारे लोगों को देखा होगा कि वो अपनी उंगली में लोहे का छल्ला या रिंग धारण करते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लोहे का संबंध शनि ग्रह से माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार लोहे को धारण करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं। लोहे में शनि देव का वास माना जाता है। इसको पहनने से शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या से भी लोगों को छुटकारा मिलता है। किसी रत्न या या धातु को हमेशा ज्योतिष सलाह के बाद ही धारण करना चाहिए। यदि हम अपने मन से कोई भी धातु धारण कर लेते हैं तो इसका हमें फायदे की जगह नुकसान झेलना पड़ सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं लोहे की अंगूठी को किस उंगली में धारण करना शुभ होता है।
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जिन लोगों की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती चल रही है, उन लोगों को लोहे की अंगूठी धारण करनी चाहिए। इस अंगूठी को पुरुष अपनी दाएं हाथ की बीच की उंगली में धारण कर सकते हैं। इसके साथ ही कुंडली में राहु और बुध की स्थिति मजबूत होने पर भी इस अंगूठी को धारण करना शुभ होता है। शनि ग्रह को मजबूत करने से लिए इस धातु को पहनना शुभ माना जाता है।
इस अंगूठी को आप हमेशा शनिवार के दिन शाम के समय में ही धारण करें। इस को पहनते समय आप शनि की बीज मंत्रों का जाप जरूर करें। आप इस अंगूठी को रोहिणी, पु्ष्य या उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में भी पहन सकते हैं। इस अंगूठी को आप सरसों के तेल या तिल के तेल में डालकर शुद्ध करके ही पहनें।
लोहे की अंगूठी यदि ज्योतिष सलाह लेने के बाद धारण की जाए तो इसके अनेक फायदे देखने को मिलते हैं। लोहा शनि ग्रह की धातु मानी जाती है। जिसके कारण इसका महत्व और भी अधिक हो जाता है। शास्त्रों में शनि ग्रह को सबसे न्यायप्रिय ग्रह माना जाता है। जिन लोगों को लोहे की अंगूठी सूट करती है, उन लोगों को इससे बहुत सारे लाभ होते हैं। इस अंगूठी को पहनने से शनि दोष और नजर दोष से तुरंत छुटकारा मिलता है। इसके साथ ही शनि की स्थिति कुंडली में शुभ दशा में चलने लगती है। जिसके कारण जातक को धन- धान्य की प्राप्ति होती है और कारोबार में तरक्की मिलती है।