Shadashtak Yog : 19 अक्टूबर 2025 को सूर्य और शनि ग्रह के बीच षडाष्टक योग बन रहा है। यह योग सिंह, कर्क और कुंभ राशियों के लिए चुनौतियां बढ़ा सकता है। जानिए इस ग्रहयोग के प्रभाव और ज्योतिषाचार्य द्वारा बताए गए उपाय जिससे आप इन अशुभ प्रभावों से राहत पा सकते हैं।
Shadashtak Yog: ज्योतिष शास्त्र में जब दो ग्रह 150 डिग्री की कोणीय स्थिति में आते हैं, तो इसे षडाष्टक योग कहा जाता है। यह योग शुभ नहीं माना जाता, क्योंकि यह जीवन में टकराव, देरी और बाधाओं का संकेत देता है। द्रिक पंचांग के अनुसार, रविवार, 19 अक्टूबर 2025 की शाम 7 बजकर 58 मिनट से सूर्य और शनि ग्रह के बीच षडाष्टक योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का असर तीन राशियों पर विशेष रूप से पड़ेगा। सिंह, कर्क और कुंभ। आइए जानते हैं, इन राशियों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा और कौन से उपाय राहत दिला सकते हैं।
सूर्य आत्मा, प्रतिष्ठा, सत्ता और ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि शनि कर्म, अनुशासन, संघर्ष और न्याय का प्रतीक है। जब ये दोनों ग्रह षडाष्टक स्थिति में आते हैं, तो अहंकार बनाम अनुशासन की स्थिति बनती है, जिससे व्यक्ति के जीवन में टकराव और मानसिक तनाव उत्पन्न हो सकता है।
सिंह राशि के स्वामी स्वयं सूर्य हैं, इसलिए इस योग का सीधा प्रभाव इनके जीवन पर पड़ेगा। इस अवधि में कामकाज में रुकावट, पद-प्रतिष्ठा में कमी और पारिवारिक मतभेद देखने को मिल सकते हैं। सेहत के लिहाज से सिरदर्द, थकावट और ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं परेशान कर सकती हैं।
उपाय: प्रतिदिन प्रातःकाल सूर्य को जल अर्पित करें और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। जरूरतमंदों को काले कपड़े, तिल और लोहे का दान करें।
कर्क राशि वालों के लिए यह योग मानसिक और पारिवारिक दोनों स्तर पर चुनौतीपूर्ण रहेगा। माता-पिता के स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढ़ सकती है और धन निवेश या कामकाज में अस्थिरता आ सकती है। इस दौरान भावनात्मक असंतुलन या अनिद्रा जैसी समस्या भी हो सकती है।
उपाय: सोमवार और शनिवार को शिवलिंग पर जल और दूध अर्पित करें। महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करें। योग्य ज्योतिष से सलाह लेकर चांदी में मोती धारण करें।
कुंभ राशि के स्वामी शनि हैं, लेकिन सूर्य के साथ उनकी शत्रुता इस योग को कठिन बना रही है। इस दौरान साझेदारी वाले कामों में मतभेद, आर्थिक नुकसान या नौकरी में अस्थिरता हो सकती है। मानसिक बेचैनी और रिश्तों में खटास भी संभव है।
उपाय: शनिवार को शनि स्तोत्र या शनि चालीसा का पाठ करें। काले उड़द, तिल और लोहे का दान करें। गरीबों और मजदूरों की मदद करें।