Shani Sade Sati: शनि साढ़ेसाती एक खास ज्योतिषीय अवस्था है जो हर व्यक्ति को किसी न किसी समय में प्रभावित करती है। ये हमेशा बुरा नहीं करती, इसका असर व्यक्ति के कर्म और कुंडली में शनि की स्थिति पर निर्भर करता है। जानिए किन राशियों पर है प्रभाव और क्या करें उपाय।
Shani Sade Sati: ज्योतिष के अनुसार शनि की साढ़ेसाती एक ऐसी दशा है, जिसका असर हर इंसान के जीवन में कभी न कभी जरूर होता है। जब शनि देव किसी जातक की जन्म कुंडली में चंद्र राशि से बारहवें, पहले और दूसरे भाव में होते हैं, तब साढ़ेसाती शुरू होती है। ये कुल मिलाकर सात साल साढ़े महीने (साढ़ेसात साल) तक चलती है, इसलिए इसे साढ़ेसाती कहा जाता है।
लोगों के मन में धारणा है कि साढ़ेसाती सिर्फ नुकसान देती है, लेकिन असल में ऐसा नहीं होता। शनि इंसान के कर्मों का फल देता है। जो लोग ईमानदारी और अच्छे कर्म करते हैं, उन्हें यह काल उतना नुकसान नहीं पहुंचाता, बल्कि कई बार तो ये समय तरक्की भी दे देता है। वहीं जो लोग गलत रास्तों पर होते हैं, उनके लिए यह समय काफी मुश्किल भरा हो सकता है।
कुंभ राशि – इस राशि पर साढ़ेसाती का आखिरी चरण चल रहा है। आपको इससे 23 फरवरी 2028 को मुक्ति मिलेगी।
अभी का समय थोड़ा संभलकर चलने का है, खासकर करियर और पारिवारिक मामलों में।
मीन राशि – मीन राशि वालों पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है। इससे आपको 17 अप्रैल 2030 को मुक्ति मिलेगी।
भावनात्मक और आर्थिक मामलों में सतर्क रहें।
मेष राशि – मेष वालों पर पहला चरण चल रहा है। इस राशि को 31 मई 2032 को राहत मिलेगी। नए काम की शुरुआत सोच-समझकर करें और जल्दबाजी से बचें।
शनिवार के दिन शनि मंदिर जाएं और शनि देव की पूजा करें।
पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक जलाएं।
जरूरतमंदों को काला कपड़ा, काले चने, लोहे के बर्तन आदि दान करें।
शनि चालीसा और शनि मंत्रों का जाप करें।
हर शनिवार को काले तिल, सरसों का तेल और उड़द की दाल का दान करें।