धर्म/ज्योतिष

Navratri 2025 : इस बार 10 दिन का शारदीय नवरात्र, ज्योतिष से जानिए इसका महत्व

Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्र की शुरुआत 22 सितंबर से होगी और समापन 2 अक्टूबर को दशहरे के साथ होगा। इस बार तृतीया तिथि की वृद्धि के कारण नवरात्र 9 की बजाय 10 दिन के होंगे। ज्योतिष से जानिए इसका महत्व।

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Aug 21, 2025
Navratri 2025 (Photo- ChatGPT)

Navratri 2025 : हिंदू पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से दशमी तिथि तक मनाई जाती है। आमतौर पर यह पर्व 9 दिनों का होता है, लेकिन वर्ष 2025 में यह विशेष योग बन रहा है जब नवरात्र 9 की बजाय 10 दिनों तक चलेगा। ज्योतिषाचार्य एंव टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा के अनुसार इस बार तिथियों की वृद्धि के कारण नवरात्रि 22 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025 तक मनाई जाएगी। संयोग से इसी दिन दशहरा (विजयादशमी) भी मनाया जाएगा।

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क्यों बढ़े नवरात्रि के दिन?

इस वर्ष तृतीया तिथि की वृद्धि हो रही है। इसका मतलब है कि तृतीया तिथि 24 और 25 सितंबर दोनों दिन रहेगी। इसी कारण नवरात्रि एक दिन और लंबा हो जाएगा। इससे पहले साल 2024 में भी ऐसा ही योग बना था, जब नवरात्रि 10 दिनों की रही थी।

घटस्थापना का शुभ मुहूर्त

शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि की शुरुआत आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से होती है। प्रतिपदा तिथि 21 सितंबर की मध्य रात्रि 1.24 बजे से प्रारंभ होगी। 22 सितंबर की सुबह 11.55 बजे के बाद हस्त नक्षत्र रहेगा, जो घटस्थापना के लिए शुभ माना गया है। इस दिन शुक्ल योग भी रहेगा, जो साधना और पूजा के लिए अत्यंत कल्याणकारी है।

प्रमुख घटस्थापना मुहूर्त

  • अमृत मुहूर्त : सुबह 6:19 से 7:49 बजे तक
  • शुभ मुहूर्त : सुबह 9:14 से 10:49 बजे तक
  • अभिजीत मुहूर्त : सुबह 11:55 से 12:43 बजे तक

मां दुर्गा का वाहन और शुभ संकेत

इस बार नवरात्रि सोमवार से शुरू हो रही है। ज्योतिष अनुसार जब नवरात्र सोमवार से आरंभ होता है, तो मां दुर्गा का वाहन गज (हाथी) होता है। हाथी पर माता का आगमन सुख-समृद्धि, शांति और समृद्ध फसल का प्रतीक है। इसका अर्थ है कि इस वर्ष देश में अच्छी वर्षा और कृषि उत्पादन की प्रबल संभावना रहेगी।

10 दिन का शारदीय नवरात्र क्यों है खास?

आमतौर पर नवरात्रि 9 दिन की होती है, लेकिन इस बार यह 10 दिनों तक चलेगी। एक अतिरिक्त दिन भक्तों को और अधिक समय देगा साधना, व्रत और देवी की उपासना के लिए। ज्योतिष के अनुसार यह समय आत्मशुद्धि और देवी कृपा प्राप्त करने का श्रेष्ठ अवसर है।

शारदीय नवरात्रि का महत्व

धर्मग्रंथों के अनुसार नवरात्रि केवल उपवास या अनुष्ठान का पर्व नहीं है, बल्कि यह नारी शक्ति और देवी उपासना का प्रतीक है। हर दिन मां के अलग स्वरूप की पूजा करके भक्त जीवन में शांति, समृद्धि और सफलता की प्राप्ति करते हैं।

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