ज्योतिष के अनुसार वाहन सुख केवल गाड़ी होना नहीं, बल्कि उसका सुरक्षित और सुखद अनुभव है। सही रंग, सही नंबर और थोड़ी सावधानी से वाहन जीवन में सौभाग्य और शांति ला सकता है।
आज के समय में वाहन केवल सुविधा नहीं, बल्कि जीवन का महत्वपूर्ण सुख बन चुका है। लेकिन क्या सिर्फ गाड़ी होना ही वाहन सुख कहलाता है? ज्योतिष शास्त्र कहता है – नहीं। वाहन का सही तरह से चलना, बार-बार खराब न होना, दुर्घटनाओं से बचाव और वाहन में मन की शांति मिलना – यही वास्तविक वाहन सुख (Vehicle Comfort) है।
ज्योतिष में चतुर्थ भाव (Fourth House) को सुख का भाव माना गया है। यही भाव भवन, वाहन, मानसिक शांति और जीवन की खुशियों से जुड़ा होता है।
अगर चतुर्थ भाव और शुक्र मजबूत हों, तो व्यक्ति को अच्छा वाहन और उसका पूरा सुख मिलता है।