धर्म/ज्योतिष

अक्षय तृतीया पर बन रहा है खतरनाक यम घंट योग, ये होते हैं दुष्प्रभाव, सफलता रहती है कोसों दूर

Yam Ghanta Yoga बैसाख शुक्ल पक्ष की शुरुआत गुरुवार 9 मई से हो रही है। द्वितीया तिथि क्षय होने से अक्षय तृतीया कल पड़ेगी। यह अबूझ मुहूर्त माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं इस दिन कुछ बेहद शुभ तो कुछ बेहद अशुभ योग बन रहे हैं। इस दिन यम घंट नाम का ऐसा अशुभ योग बन रहा है, जिस पर शुभ काम के भी अच्छे फल नहीं मिलेंगे तो आइये जानते हैं अक्षय तृतीया पर कौन सा अशुभ योग बन रहा है और यम घंट योग के दुष्प्रभाव क्या होते हैं।

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May 09, 2024
यम घंट योग

बैसाख शुक्ल पक्ष की शुरुआत गुरुवार 9 मई से हो रही है, जबकि अक्षय तृतीया अगले दिन शुक्रवार 10 मई को मनेगा। ऐसा इसलिए होने जा रहा है, क्योंकि इस बार प्रतिपदा और द्वितीया तिथि एक ही दिन है, जिससे द्वितीया का क्षय हो जाएगा। इस बार द्वितीया तिथि गुरुवार सुबह 6:21 बजे ही आ जाएगी और उसका समापन अगले दिन सूर्योदय से पूर्व ही तड़के 4:17 बजे हो जाएगा। इसके साथ ही तृतीया तिथि का आरंभ होगा यानी शुक्रवार को सूर्योदय के समय तृतीया तिथि ही रहेगी।

खरीदारी का मिलेगा शुभ फल

आखातीज पर इस बार रोहिणी नक्षत्र और मृगशिरा नक्षत्र रहेंगे। साथ ही चंद्र देव अपनी उच्च राशि वृषभ में विचरण करेंगे। इस बार आखातीज पर जो भी नया काम शुरू किया जाएगा, वह शुभ फलदायी साबित होगा। यही नहीं खरीदारी करने के लिए भी यह समय सर्वश्रेष्ठ और अक्षय फल देने वाला साबित होगा।

यम घंट योग इस समय तक

इस दिन सूर्योदय से लेकर सुबह 10:46 बजे तक यम घंट योग भी रहेगा। यम घंट को अशुभ योग माना गया है, इसलिए इस अवधि में शुभ कार्य की वर्जना है। ज्योर्तिविदों के मुताबिक ऐसा 3 साल में एक बार होता है, जब शुरुआती तिथि का क्षय होता है या दो तिथियां एक साथ आती है। अक्षय तृतीया के दिन शुक्रवार को सुबह 10.46 बजे के बाद दिनभर राज योग और रवि योग रहेगा।

मृत्यु तुल्य आता है संकट

वशिष्ठ ऋषि द्वारा फलित ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि दिवसकाल में यदि यमघंटक नामक दुष्ट योग हो तो मृत्युतुल्य कष्ट हो सकता है, परंतु साथ ही रात्रिकाल में इसका फल इतना अशुभ नहीं माना जाता है।

गुरु -शुक्र अस्त, फिर भी बजेंगीं शहनाई

विवाह के कारक बृहस्पति (गुरु) और शुक्र के अस्त रहने के बावजूद भी 10 मई को अक्षय तृतीया के अबूझ मुहूर्त में एक बार फिर से शहनाई की गूंज सुनाई देगी। जानकारों का मानना है कि यह अबूझ मुहूर्त का दिन है, इसमें पंचांग की शुद्धि-अशुद्धि का विचार नहीं किया जाता। इस मौके पर कुछ सामाजिक संगठन सामूहिक विवाह के आयोजन भी करेंगे।

सोना-चांदी के आभूषण खरीदना शुभ

अक्षय तृतीया का दिन अति शुभ माना गया है। इस दिन किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य के लिए मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं होती। धन के देवता और सभी देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर ने देवी लक्ष्मी की पूजा की थी। इस पर माता लक्ष्मी ने उन्हें शाश्वत धन और समृद्धि का आशीर्वाद दिया था। अक्षय तृतीया के दिन सोने और चांदी के आभूषण खरीदना शुभ माना गया है। इससे पूरे साल घर में सुख और समृद्धि आती है। इसी दिन व्यापार आरंभ भी विशेष फलदायी कहा गया है।

Published on:
09 May 2024 01:29 pm
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