औरैया की जिला अदालत ने एक महिला को फांसी की सजा सुनाई है। महिला ने अपने 4 बच्चों को प्रेमी के प्यार में पड़कर नदीं में फेंक दिया था, जिनमें से 1 बच्चे को ग्रामीणों ने बचा लिया बाकि तीन की डूबने से मौत हो गई।
यूपी के औरैया जिले कि एक ऐसी मां…जिसने प्रेमी के प्यार में पड़कर अपने ही 3 बच्चों को मार डाला। महिला ने प्रेमी के कहने पर चारों बच्चों को नदी में फेंक दिया था। एक बच्चे को ग्रामीणों ने बचा लिया और उसी बच्चे ने मां के खिलाफ गवाही दी। कोर्ट ने इस घटना को रेयर आफ रेयरेस्ट कहा और महिला को फांसी की सजा सुनाई साथ ही उसके प्रेमी को उम्रकैद की सजा दी।
लखनऊ सीजेएम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता धर्मेंद्र मोहन प्रभाकर ने बताया कि प्रियंका जिला एवं सत्र न्यायालय औरैया के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दे सकती है। अगर हाईकोर्ट फैसले को नहीं बदलता है तो वह सुप्रीम कोर्ट में फैसले के खिलाफ अपील कर सकती है। इसके बाद अगर सुप्रीम कोर्ट में आर्डर नहीं बदलता है तो वह राष्ट्रपति के पास दया याचिका लगा सकती है।
ये भी पढ़ें
यह पूरा मामला औरैया के फफूंद थाना क्षेत्र के बरौआ गांव का है। प्रियंका की शादी इटावा के लुईया गांव के अवनीश से हुई थी और उनके चार बच्चे थे - सोनू, आदित्य, माधव और मंगल। चार साल पहले पति अवनीश की बिजली के करंट लगने से दुखद मौत हो गई। पति की मौत के बाद प्रियंका अपने चचेरे देवर आशीष के साथ रहने लगी।
गांव में बदनामी होने पर प्रियंका आशीष और बच्चों के साथ अपने मायके बरौआ आ गई। यहां भी आशीष उसके साथ ही रहने लगा, जिससे गांव वाले उन्हें ताने मारने लगे। इन तानों से बचने के लिए प्रियंका आशीष और बच्चों को लेकर औरैया शहर के बनारसीदास मोहल्ले में किराए का कमरा लेकर रहने लगी। आशीष ने वहां एक सैलून में काम करना शुरू कर दिया।
हालांकि, बच्चों की परवरिश को लेकर घर में रोज़ झगड़े होने लगे। आशीष नशे में धुत होकर प्रियंका और बच्चों से मारपीट करने लगा। वह बार-बार प्रियंका पर दबाव बनाता था और कहता था, 'तुम अपने बच्चों को मार डालो, तभी मैं तुम्हें अपने साथ रखूंगा।'
इसी गुस्से और हताशा में 27 जून, 2024 की सुबह, प्रियंका सभी बच्चों को एक ऑटो से लेकर सेंगर नदी के केशमपुर घाट पर पहुंची। वहां पहुंचकर, उसने अपने चारों बच्चों को निर्ममता से नदी में धकेल दिया। यह देखकर वहां मौजूद ग्रामीण तुरंत हरकत में आए और उन्होंने प्रियंका के सबसे बड़े बेटे को बचा लिया। दो अन्य बच्चों को भी आनन-फानन में नदी से निकाला गया, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। सबसे छोटे बच्चे का शव तुरंत नहीं मिला, जिसे बाद में गोताखोरों ने कड़ी मशक्कत के बाद ढूंढा।
ग्रामीणों ने प्रियंका को मौके से पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था, जबकि उसके प्रेमी आशीष को पुलिस ने औरैया शहर से गिरफ्तार किया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि तीनों बच्चों की मौत डूबने से हुई थी।
इस मामले का सबसे अहम मोड़ तब आया, जब जीवित बचे बेटे ने अदालत में अपनी मां के खिलाफ गवाही दी। उसने बताया कि मां हम सभी को नदी किनारे लाई थी और उसके तीन भाइयों को कुछ खिलाया था, जिसके बाद हम सबको नदी में धकेल दिया। उसने कहा कि उसे गांव वालों ने बचा लिया।
अदालत ने इस मामले पर अपना फैसला सुनाया और प्रियंका को अपने ही बच्चों की हत्या के आरोप में फांसी की सज़ा सुनाई। सज़ा सुनाए जाने के समय, प्रियंका बिल्कुल शांत खड़ी रही, उसके चेहरे पर कोई डर या पछतावा नहीं था। उसने अपनी सफाई में केवल इतना कहा कि पति की मौत के बाद ससुराल वालों ने मुआवजे के पांच लाख रुपए और भैंस छीन ली थी, जिससे वह बच्चों का गुज़ारा नहीं कर पा रही थी। वहीं, प्रेमी आशीष ने खुद को फंसाए जाने का दावा किया।
ये भी पढ़ें