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अवैध हथियारों की सप्लाई: एनआईए का ज्वेलर्स के 13 ठिकानों पर छापा

Auraiya NIA raid औरैया में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 13 ठिकानों पर छापा मारा। बिहार के कैमूर में हजारों की संख्या में कारतूस के साथ मिले कर्मचारी के घर भी पहुंची। दिल्ली घटना से भी जोड़कर इस छापे को देखा जा रहा है। एसबीआई से नोट गिनने वाली मशीन भी मंगाई गई।

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एनआईए का छापा फोटो सोर्स- पत्रिका

फोटो सोर्स- पत्रिका

Auraiya NIA raid औरैया में राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए की जांच बृहस्पतिवार की शाम को समाप्त हुई। इस दौरान ज्वेलर्स कमलकांत वर्मा के 13 ठिकानों पर एक साथ कार्रवाई की गई। मामला अवैध हथियारों और कारतूस से जुड़ा है। यह कारतूस बिहार में बरामद किए गए थे। पकड़ा गया कर्मचारी कमलकांत वर्मा के लिए काम करता था। एनआईए संदिग्ध नेटवर्क की भी जांच कर रही है। जांच दिल्ली विस्फोट से भी जुड़ी बताई जा रही है।

तेरह ठिकानों पर मारा गया छापा

उत्तर प्रदेश के औरैया में राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने 3 दिसंबर को एसपी से 13 टीमों की मांग की थी। 4 दिसंबर को एक साथ औरैया के 13 ठिकानों पर छापा मारने की कार्रवाई की गई। जिसमें कमलकांत वर्मा उनके भाई रविकांत और शशिकांत के आवास शामिल हैं। कमलकांत वर्मा के रुहाई स्थित आवास और पेट्रोल पंप में सबसे ज्यादा हलचल दिखाई पड़ी। यहां पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के कर्मचारियों को नोट गिनने वाली मशीन के साथ बुलाया गया।

कर्मचारी के घर भी पहुंची टीम

एनआईए की जांच करीब 19 घंटे चली। इस दौरान इलेक्ट्रॉनिक कटर मशीन को भी मंगाया गया। दो गाड़ियों को कोतवाली में खड़ा किया गया है। बिहार के कैमूर जिले में 3700 कारतूस के साथ कमलकांत वर्मा का कर्मचारी पकड़ा गया था। यह छापा इससे भी जोड़ कर देखा जा रहा है। यहां पकड़े गए शत्रुघ्न शर्मा उर्फ लाल शर्मा के घर भी एनआईए की टीम पहुंची। छापा मार कार्रवाई के दौरान जबरदस्त घेरे बंदी की गई थी। किसी को आने-जाने की इजाजत नहीं थी। स्कूली बच्चों के बैग को भी जांचा गया। दूध और पेपर वालों को भी आने-जाने की इजाजत नहीं थी।

कमलकांत, रविकांत और शशिकांत तीन भाई

कमलकांत वर्मा ऑल इंडिया स्वर्णकार समाज ज्वेलर्स एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। जिनके पास चार पेट्रोल पंप और सोने-चांदी की दुकानें हैं। क्षेत्र में कमलकांत वर्मा के परिवार का अच्छा प्रभाव है। जिनके पिता महेश चंद्र वर्मा की होमगंज मोहल्ले में असलहे की दुकान थी। जिन्होंने करीब तीन दशक पहले पुलिस कस्टडी में जहरीला पदार्थ खाकर जान दे दी थी। जिनके तीन लड़के कमलकांत, रविकांत और शशिकांत की सोने-चांदी की दुकानें हैं।