Indian Used Car Market: कोरोना महामारी के बाद ग्राहकों की प्राथमिकताएं बदली हैं। 12 फीसदी खरीदार अब शेयर्ड ट्रांसपोर्ट की जगह निजी वाहन को प्राथमिकता दे रहे हैं।
India’s Used Car Sales to Reach 1 Crore Annually by 2030: भारतीय ऑटोमोटिव इंडस्ट्री काफी तेजी से आगे बढ़ रही है। साथ ही देश में पुरानी कारों की भी भरी डिमांड देखने को मिल रही है। हालिया सामने आई Cars24 की एक रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2030 तक पुरानी कारों की सालाना बिक्री 1 करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएगी। यह बढ़त शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे कस्बों में भी देखने को मिलेगी। पुरानी कारों की सेल्स के मामले में महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और दिल्ली अग्रणी राज्य बनकर सामने आए हैं। चलिए जानते हैं कि रिपोर्ट्स में क्या कुछ बताया गया है।
मारुति सुजुकी स्विफ्ट पुरानी कार खरीदने वाले ग्राहकों की पहली पसंद बनकर उभरी है। इसे बड़े शहरों से लेकर छोटे शहरों तक हर जगह खूब पसंद किया जा रहा है। इसके अलावा, हुंडई सैंट्रो, टाटा टियागो एनआरजी, और मारुति वैगन आर जैसे मॉडल्स अपनी रीसेल वैल्यू के चलते बजट-अनुकूल खरीदारों के बीच पॉपुलर बने हुए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, नई कारों की खरीदारी के लिए ग्राहकों की कर्ज पर निर्भरता बढ़ रही है। आंकड़ों के मुताबिक 2010 में नई कारों में से 60% लोन पर खरीदी जाती थीं। जबकि 2024 में यह आंकड़ा 84% तक पहुंच गया है, जो यह स्पष्ट करता है कि, ग्राहकों के लिए नई कार खरीदने का जरिया फाइनेंस होता जा रहा है।
कोरोना महामारी के बाद ग्राहकों की प्राथमिकताएं बदली हैं। 12 फीसदी खरीदार अब शेयर्ड ट्रांसपोर्ट की जगह निजी वाहन को प्राथमिकता दे रहे हैं। यह बदलाव सेफ्टी और सुविधा की बढ़ती जरूरत को दिखता है। पुरानी कारों का किफायती और भरोसेमंद विकल्प होने के कारण, इनकी मांग में तेजी देखी जा रही है।
कुल मिलाकर, ज्यादा किफायती विकल्प, बढ़ती लोन की सुविधा और बदलती ग्राहकों की प्राथमिकताओं के चलते भारतीय यूज्ड कार तेजी से उभर रहा है।