Truck E Rickshaw Safety Rating: सड़क सुरक्षा को स्कूल स्तर पर भी बढ़ावा देने के लिए, अब कक्षा 1 से 12 तक के लिए रोड सेफ्टी मॉड्यूल्स को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। इसके अलावा...
Truck E Rickshaw Safety Rating: भारत में अब सिर्फ कारों की सेफ्टी नहीं, बल्कि ट्रक और ई-रिक्शा जैसे कमर्शियल वाहनों की सुरक्षा रेटिंग भी की जाएगी। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इसकी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि यह पहल सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाने और लोगों की जान बचाने के लिए की जा रहीयह ऐलान ग्लोबल NCAP और IRTE के आयोजित दो दिवसीय 'वाहन और बेड़ा सुरक्षा कार्यशाला' के उद्घाटन समारोह में किया । यह कार्यक्रम फरीदाबाद स्थित ट्रैफिक मैनेजमेंट कॉलेज में हुआ।
अब तक भारत में Bharat NCAP के तहत केवल पैसेंजर कारों की सुरक्षा की जांच की जाती थी। लेकिन अब सरकार चाहती है कि भारी वाहन (ट्रक और बसें) भी उन ही मानकों पर जांचे जाएं। इससे कंपनियां बेहतर गुणवत्ता वाले वाहन बनाने के लिए प्रेरित होंगी।
गडकरी ने कहा, "हम चाहते हैं कि ट्रक भी उसी तरह से सुरक्षित बनें जैसे कारें बन रही हैं। इससे सड़क हादसे कम होंगे और लोगों का ट्रांसपोर्ट पर भरोसा भी बढ़ेगा।"
सरकार अब बैटरी से चलने वाले ई-रिक्शा के लिए भी सुरक्षा मानक तय करने जा रही है। इन वाहनों में कई बार तकनीकी और सुरक्षा समस्याएं देखी गई हैं। नई नीति से इन वाहनों की गुणवत्ता में सुधार होगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
गडकरी ने बताया कि मंत्रालय कई और जरूरी बदलावों पर काम कर रहा है।
ट्रक ड्राइवरों के काम के घंटे तय किए जाएंगे (अभी वे 13–14 घंटे चलाते हैं)।
पूरे देश में 32 नए ड्राइवर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट बनाए जाएंगे।
सभी नए ट्रकों में अब एयर-कंडीशनिंग कैबिन अनिवार्य कर दिया गया है।
ADAS (Advanced Driver-Assistance Systems) तकनीक को भी ट्रकों में जरूरी कर दिया गया है।
सड़क सुरक्षा को स्कूल स्तर पर भी बढ़ावा देने के लिए, अब कक्षा 1 से 12 तक के लिए रोड सेफ्टी मॉड्यूल्स को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। इसके अलावा, शंकर महादेवन के गाए गए एक "रोड सेफ्टी एंथम" को देश की 22 भाषाओं में लॉन्च किया जाएगा।