Tesla Cars in India: भारत का ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) मार्केट अभी चीन की तुलना में छोटा है, लेकिन टेस्ला के लिए यह एक अच्छा मौका हो सकता है, क्योंकि उसकी ग्लोबल सेल्स में कमी आई है।
Tesla EV Car News: एलन मस्क और पीएम मोदी की मुलाकात के बाद टेस्ला का भारत में एंट्री मारने का रास्ता साफ दिख रहा है। Elon Musk की इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला इंक. (Tesla, Inc.) ने भारत में भर्ती शुरू कर दी है, जिससे यह साफ हो गया है कि कंपनी जल्द ही भारतीय बाजार में एंट्री करने वाली है। यह फैसला टेस्ला (Tesla) के सीईओ एलन मस्क और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका में हुई मुलाकात के बाद लिया गया है।
कंपनी ने 13 पदों के लिए उम्मीदवारों की तलाश शुरू कर दी है, जिनमें कस्टमर सर्विस से जुड़े और बैकएंड जॉब्स शामिल हैं। यह जानकारी टेस्ला के लिंक्डइन पेज पर सोमवार को जारी विज्ञापन से मिली।
इनमें से कम से कम 5 पद, जैसे सर्विस टेक्नीशियन और अन्य सलाहकार भूमिकाएं, मुंबई और दिल्ली दोनों में उपलब्ध हैं। वहीं, कस्टमर एंगेजमेंट मैनेजर और डिलीवरी ऑपरेशंस स्पेशलिस्ट जैसे पद सिर्फ मुंबई के लिए रखे गए हैं।
टेस्ला की भारत में एंट्री के बाद इलेक्ट्रिक कार बाजार में काफी हलचल देखने को मिल सकती है। भारत की अग्रणी कार निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स, महिंद्रा, MG Motor, हुंडई और मारुति जैसी EV कंपनियों को चुनौती का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि टेस्ला की तकनीकी क्षमता और ब्रांड आकर्षण इन कंपनियों के मॉडल्स जैसे टाटा Curvv EV और Mahindra BE 6, Mahindra XEV 9e और क्रेटा इलेक्ट्रिक को कड़ी चुनौती मिलेगी।
मारुति, हुंडई जैसे कार ब्रांड्स को भारत में अपनी कीमत और फीचर्स में सुधार करना पड़ सकता है। यदि टेस्ला भारत में स्थानीय रूप से उत्पादन शुरू करती है, तो यह कीमत कम कर सकती है और प्रीमियम और मिड-रेंज सेगमेंट में कब्जा कर सकती है। साथ ही, टेस्ला का सुपरचार्जर नेटवर्क टाटा पावर और अन्य चार्जिंग नेटवर्क से मुकाबला करेगा, जिससे भारत में EV चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भी बदलाव आएगा।
टेस्ला और भारत के बीच बातचीत कई बार हुई है, लेकिन कंपनी ने अब तक यहां एंट्री नहीं की थी, क्योंकि भारत में इम्पोर्ट ड्यूटी बहुत ज्यादा थी। अब सरकार ने 40,000 डॉलर से ज्यादा कीमत वाली हाई-एंड कारों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी 110% से घटाकर 70% कर दिया है। जिससे टेस्ला के लिए भारतीय बाजार में आने की राह आसान हो गई है।
हालांकि, भारत का ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) मार्केट अभी चीन की तुलना में छोटा है, लेकिन टेस्ला के लिए यह एक अच्छा मौका हो सकता है, क्योंकि उसकी ग्लोबल सेल्स में कमी आई है। पिछले साल भारत में लगभग 1 लाख इलेक्ट्रिक कारें बिकीं, जबकि चीन में यह आंकड़ा 1.1 करोड़ था।
टेस्ला की भारत में एंट्री से भारतीय EV मार्केट को मजबूती मिलेगी। कंपनी की भर्ती प्रक्रिया से यह साफ संकेत मिल रहा है कि आने वाले समय में टेस्ला भारत में अपने ऑपरेशंस शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है।