अयोध्या

कमल की सुनामी में बह गई सपा, मिल्कीपुर के साथ इन सीटों पर भाजपा ने रचा इतिहास

Milkipur By Election Result 2025: 2022 से अब तक भाजपा ने रामपुर, आजमगढ़, कटेहरी और मिल्कीपुर जैसी मुश्किल सीटों पर जीत दर्ज की। योगी आदित्यनाथ की रणनीति, सटीक प्रत्याशी चयन और सरकार के कामकाज से सपा के गढ़ भी भगवा रंग में रंगते जा रहे हैं। 

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Feb 09, 2025

Milkipur By Election Result 2025: भाजपा ने सपा के गढ़ मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर जीत हासिल की और मुश्किल सीटों पर भी अपना हक जमाने का सिलसिला जारी रखा है। ऐसा पहली बार नहीं है जब भाजपा ने किसी मुश्किल सीट को सपा से छीना हो। इससे पहले भी भाजपा कुंदरकी, कटेहरी उपचुनाव और आजमगढ़,रामपुर लोकसभा उपचुनाव में ऐसा कर चुकी है। यह सब भाजपा आसानी से कुशल रणनीति, मुफीद प्रत्याशी, सरकार का काम और सीएम योगी की छवि से कर पाई है। इस तरह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में मुश्किल सीटों का मिथक टूटता जा रहा है।

कुंदरकी में भाजपा की ऐतिहासिक वापसी

कुंदरकी विधानसभा सीट पर 2024 में हुए चुनाव में भाजपा ने सपा को करारी हार दी थी। इससे पहले भाजपा को इस सीट पर साल 1993 में जीत मिली थी। 65 प्रतिशत मुस्लिम वोटर (40 हजार तुर्क मुसलमान व 45 हजार मुस्लिम राजपूत शामिल) वाली यह सीट मुश्किल थी। यहां भाजपा ने गैर मुस्लिम चेहरे के तौर पर रामवीर सिंह को उतारा था, इसके बावजूद उन्हें जीतने के लिए मुस्लिम वोट की जरूरत थी। पार्टी ने मुस्लिमों की तुर्क और राजपूत बिरादरी को साधने पर फोकस किया। 

कटेहरी में भाजपा की रणनीतिक जीत

दलित और कुर्मी मतदाताओं की प्रभाव वाली कटेहरी सीट पर सपा-बसपा का दबदबा रहा था। 2024 के उपचुनाव में मुख्यमंत्री ने विशेष ध्यान देते हुए प्रत्याशी चयन में धर्मराज निषाद को आगे किया, जिससे निषाद वोटरों का समर्थन सुनिश्चित हुआ। सीएम ने लगातार जनसभाएं कर माहौल बनाया। नतीजा यह रहा कि जिस सीट पर भाजपा 2024 उपचुनाव से पहले केवल एक बार विजयी हुई थी, वहां एक बार फिर कमल खिल उठा।

2022 से शुरू हुआ सिलसिला

मुश्किल सीटों पर भाजपा की जीत का सिलसिला 2022 में रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव से शुरू हुआ। इससे पहले, रामपुर में भाजपा दो बार और आजमगढ़ में केवल एक बार विजयी हुई थी, लेकिन उपचुनाव में दोनों सीटें भाजपा के खाते में चली गईं। 2022 में रामपुर विधानसभा के उपचुनाव में भी यही रणनीति कारगर रही। योगी की कुशल रणनीति, सही प्रत्याशी चयन, समीकरणों का संतुलन, मुद्दों की धार और सरकार के कामकाज के दम पर रामपुर विधानसभा भी भाजपा की झोली में आ गई।

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