Ram Mandir: अयोध्या में राम मंदिर भवन निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। राम दरबार के प्राण प्रतिष्ठा की तिथि निर्धारित कर दी गई है। प्राण प्रतिष्ठा के लिए तीन दिवसीय अनुष्ठान का आयोजन किया जाएगा। भवन निर्माण समिति की बैठक हो रही है। अब तक की समीक्षा में पाया गया है। निर्धारित समय सीमा से काम पीछे चल रहा है। इस बार राम मंदिर के प्रथम तल पर दर्शन के लिए पास की निशुल्क नई व्यवस्था लागू की जा रही है।
Ram Mandir: राम मंदिर भवन निर्माण समिति की पहली बैठक में समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि निर्धारित समय सीमा से काम पीछे चल रहा है। 30 जून तक जो काम पूरा हो जाना चाहिए। उसके तय समय सीमा के अंदर पूरा होने की उम्मीद नहीं दिखाई पड़ रही है। लेकिन राम दरबार के प्राण प्रतिष्ठा की तिथि निर्धारित है। वह अपने निश्चित समय पर होगी। इसके लिए तीन दिवसीय अनुष्ठान का आयोजन किया जाएगा।
Ram Mandir: राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि राम दरबार सहित मंदिर में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा 5 जून को गंगा दशहरा के दिन अपने निर्धारित समय पर होगी। इसके लिए तीन दिवसीय अनुष्ठान का शुभारंभ 3 जून से होगा।
राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष ने बताया कि राजस्थान के जयपुर में श्वेत संगमरमर से राम दरबार की मूर्तियों का निर्माण हुआ है। इसे 23 मई को अयोध्या लाया जाएगा। निर्धारित स्थान पर यह मूर्ति स्थापित की जाएगी।इसी तरह से शेषावतार मंदिर जिसका निर्माण सबसे पीछे है। इसमें भी लक्ष्मण जी की मूर्ति की प्रतिष्ठा पांच जून को ही हो जाएगी। उन्होंने कहा कि लक्ष्मण जी की मूर्ति यहां 30 मई तक आ जाएगी।
राम मंदिर में 5 जून को सभी मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रतिदिन प्रथम तल पर ऑनलाइन पास के जरिए 750 लोग राम मंदिर के प्रथम तल पर दर्शन कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि पास की व्यवस्था निशुल्क होगी। यह व्यवस्था इसलिए की जा रही है। प्रथम तल पर आने-जाने की दो सीढ़ियों पर किसी तरह की भगदड़ जैसी स्थिति न पैदा हो। इसके अलावा वजन का भी मामला है। उन्होंने बताया कि राम मंदिर में पत्थरों की हलचल की जांच के लिए दस सेंसर लगाए गये है। हालांकि इनका विशेष उपयोग भूकंप की तीव्रता के मापने के दृष्टिगत होगा। फिलहाल इस बारे में तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट विस्तृत कार्ययोजना तय कर सार्वजनिक सूचना देगा।
राम मंदिर के प्रथम तल पर दर्शन के लिए 1 घंटे में 50 पास निर्गत किए जाएंगे। यह पास पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर दिया जाएगा। श्रद्धालुओं के आवागमन के दौरान लोड का अध्ययन तीन माह तक सेंसर के जरिए किया जाएगा। उन्होंने बताया कि तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र व सीवर ट्रीटमेंट प्लांट को कार्यदाई संस्था की ओर से तीर्थ क्षेत्र को हैंडओवर कर दिया गया है। मुख्य मंदिर के हिस्से का काम अगस्त के अंत तक पूरा होगा। जबकि अन्य कार्य दिसंबर 2025 तक पूरे हो जाएंगे।