Ramlala First Pran Pratishtha Anniversary: अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ भव्य रूप से मनाई जा रही है। इस मौके पर सीएम ने संतों और भक्तों को संबोधित करते हुए ऐतिहासिक फैसलों और राम मंदिर निर्माण यात्रा को याद किया।
Ramlala First Pran Pratishtha Anniversary: रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ के अवसर पर अयोध्या पूरी तरह से सजी हुई है। इस मौके पर रामलला का पंचामृत अभिषेक किया गया और उन्हें पीतांबर वस्त्र पहनाए गए। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी रामलला की पूजा की और रामलला की महाआरती उतारी। इसके बाद सीएम योगी मंच पर जनता को संबोधित करने पहुंचे, जहां उनके साथ चंपत राय, महंत धर्मदास के अलावा कई संत मौजूद रहे।
सीएम योगी ने कार्यक्रम की शुरुआत दीप जलाकर और रामलला के चित्र पर माल्यार्पण कर की। इसके बाद सीएम योगी ने पंजाब से अयोध्या दौड़ लगाकर जाने वाले छह साल के मोहब्बत को सम्मानित किया। साथ ही, सीएम ने मोहब्बत को मोबाइल गिफ्ट में दिया।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा, “देश के कोने-कोने से आए सभी पूज्य संत जनों, भक्तजनों और बहनों-भाइयों, मैं सबसे पहले आपको और हर राम भक्त को प्रतिष्ठा द्वादशी की बधाई देता हूं। हिंदू पंचांग के अनुसार, आज ही के दिन एक वर्ष पहले पीएम मोदी के हाथों से 500 वर्षों का इंतजार समाप्त करते हुए श्री राम जन्मभूमि पर रामलला का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम संपन्न हुआ था।”
सीएम योगी ने कहा, “9 नवंबर 2019 को भारत की न्यायपालिका ने संवैधानिक तरीके से ये फैसला सुनाया कि अयोध्या में जहां पर विवादित ढ़ांचा था, वह राम जन्मभूमि है। इसके बाद 5 अगस्त 2020 में इसी अयोध्या में देश के पीएम मोदी ने रामलला के भव्य मंदिर के कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके बाद 22 जनवरी 2024 को पीएम मोदी ने पूज्य संतों के सानिध्य में 500 वर्षों का इंतजार समाप्त करते हुए रामलला को उनकी जन्मभूमि में प्रतिष्ठित कराने का काम किया।”
सीएम योगी ने कहा, “प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न होने के बाद लाखों की संख्या में श्रद्धालु जन अयोध्या पधार रहे हैं। एवरेज अयोध्या में प्रतिदिन करीब 2 लाख श्रद्धालु अयोध्या आ रहे हैं। किसी ने सोचा था अयोध्या के बारे में? किसी ने सोचा था कि 1 वर्ष पहले हमारा अयोध्या इसका अधिकारी है? पहले अयोध्या में बिजली भी नहीं मिलती थी। स्वच्छता का कोई अता पता नहीं था। राम जी की पैड़ी में सरयू जी का जल सड़ता रहता था। सफाई की कोई व्यवस्था नहीं थी। अयोध्या के पास कोई हवाई अड्डा नहीं था।”
सीएम ने कहा, “आज अयोध्या के पास अपना हवाई अड्डा है। यहां की सड़कें त्रेतायुग का स्मरण कराती हैं। अब जल सड़ता नहीं है। आज अयोध्या पहली सोलर सिटी बन चुकी है। ये नई अयोध्या है। ये नए भारत का नया उत्तर प्रदेश है। क्या ये अचानक हो गया? एक दिन में हो गया? नहीं। इसके लिए लाखों लोगों को त्याग देना पड़ा।”
सीएम ने कहा, “राम मंदिर एक ऐसा आंदोलन था, जो 500 वर्षों तक चला। जिस भाषा में शासन तंत्र समझाता था, उस भाषा में उसे समझाया गया। हम सबका मन भावुक हो जाता है, जब पूरे इतिहास को देखते हैं। आज परिणाम देखकर लगता है कि हम सब सौभाग्यशाली हैं। हमारी तीन पीढ़ियां राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी रहीं। 2014 में जब हमारे गुरुदेव की अंतिम सांस चल रही थी, तब उन्हें देखने के लिए अशोक सिंघल जी आए थे। अंतिम बातचीत में उन्होंने पूछा कि राम जन्मभूमि का मंदिर बन जाएगा न?”
सीएम योगी ने आगे कहा, “राम जन्मभूमि का पूरा परिसर जब अपने भव्य रूप में आएगा, तब दूनिया का सबसे सुंदर, आध्यात्मिक और सबसे धार्मिक नगर के रूप में हमारा अयोध्या धाम विकसित होगा। अगर हम जाति, क्षेत्र, भाषा के आधार पर बंटे रहे तो सबसे पहले इसका परिणाम धार्मिक स्थलों को भुगतना पड़ेगा। हम सभी को एकजुट रहना चाहिए। एक साल पहले पीएम मोदी ने भी कहा था कि भगवान राम हमारे प्रतीक हैं राष्ट्र 'राम हैं तो राष्ट्र हैं, राष्ट्र हैं तो ‘राम हैं’। पीएम मोदी के नेतृत्व में जिस ओर देश बढ़ रहा है, हम सब उसका हिस्सा बने। सत्य को अधिक दिनों तक छिपाया नहीं जा सकता है।"
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों को मकर संक्रांति और 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित होने वाले महाकुंभ की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने सभी से त्रिवेणी में जाकर व्यवस्था देखने और संगम में डुबकी लगाने का आग्रह किया।