अयोध्या

अयोध्या राम जन्मभूमि परिसर में क्यों स्थापित हुई गिलहरी की प्रतिमा? रामायण में क्या है महत्व?

Shri Ram Janmbhoomi News : अयोध्या के मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा ने बताया है कि अयोध्या के राम मंदिर के पास ही अंगद टीले पर गिलहरी की मूर्ति को स्थापित किया गया है। बताया जाता है कि रामायण में गिलहरी का विशेष महत्व है। आइये जानते हैं इससे जुड़ी कहानी के बारे में।

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श्री राम जन्मभूमि परिसर में स्थापित हुई गिलहरी की प्रतिमा, PC- @REAL___HINDUVT

Shri Ram Janmbhoomi News : अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। रामजन्मभूमि के पास ही अंगद टीले पर गिलहरी की एक विशाल प्रतिमा को स्थापित किया गया है। इस मूर्ति की स्थापना श्रीराम जन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट के द्वारा करवाई गई है। रामायण में गिलहरी की भूमिका को मान्यता देते हुए यह कदम उठाया गया है। गिलहरी की मूर्ति को एक ऐसी जगह पर लगाया गया है जहां से गिलहरी मंदिर को निहारती हुई नजर आ रही है। आइए जानते हैं कि गिलहरी का रामायण में क्या योगदान था।

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रामायण में गिलहरी का महत्व

वाल्मीकि रामायण के अनुसार, जब भगवान राम की वानर सेना माता सीता तक पहुंचने के लिए रामसेतु बना रही थी, तो एक छोटी सी गिलहरी भी उसमें शामिल हो गई। जहां वानर सेना बड़े-बड़े पत्थर उठा रहे थे, वहीं गिलहरी बड़ी मेहनत से रेत के कण और छोटे-छोटे कंकड़ ढो रही थी। गिलहरी पूरी मेहनत से यह काम कर रही थी और सेतु निर्माण में अपना योगदान दे रही थी। यह देखकर वानर गिलहरी का मजाक उड़ाने लगे और कहने लगे कि तुम बहुत छोटी हो। पत्थरों के नीचे दब जाओगी इसलिए तुम्हे यहां से चले जाना चाहिए।

श्रीराम ने दिया था गिलहरी के काम को श्रेय

जब ये बात श्रीराम को पता चली तो उन्होंने वानरों से कहा कि गिलहरी जो छोटे कंकड़ और रेत के कण ढो कर ले जा रही है वो पुल को मजबूती दे रहे हैं। इस तरह भगवान श्रीराम ने गिलहरी के योगदान को भी पूरा श्रेय दिया जिसके बाद वानरों ने अपनी भूल के लिए माफी मांगी। मान्यता है कि इस दौरान श्रीराम ने गिलहरी को अपने एक हाथ पर रखा था और दूसरे हाथ की तीन उंगलियों से प्रेम पूर्वक गिलहरी की पीठ को सहलाया था। तब से ही गिलहरी की पीठ पर तीन रेखाएं उभर आईं। ये तीन रेखाएं भगवान राम के प्रेम को दर्शाती हैं। भगवान श्रीराम ने गिलहरी के कार्य की सराहना की और यह संदेश दिया कि हर व्यक्ति का प्रयास महत्वपूर्ण होता है। चाहे वह छोटा हो या बड़ा। समर्पण और भक्ति से किया गया कार्य कभी व्यर्थ नहीं होता।

अयोध्या को बनाया जाएगा एक प्रमुख पर्यटन नगरी

अयोध्या में आने वाले देश-विदेश के पर्यटकों के लिए मंदिर दर्शन को और अधिक आकर्षक बनाया जाएगा। दर्शनार्थी मंदिर के आसपास के नजारे का भी आनन्द ले सकेंगे। अयोध्या को एक प्रमुख पर्यटक नगरी के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें गिलहरी की मूर्ति भी आकर्षण का केन्द्र बनेगी।

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Updated on:
12 Sept 2025 09:32 pm
Published on:
12 Sept 2025 09:30 pm
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