बड़वानी

एमपी में दर्दनाक घटना, जर्जर कुएं में गिरने से दादी-पोती की मौत, गांव में आक्रोश

water scarcity: एमपी के बड़वानी में पानी की किल्लत ने दादी-पोती की जान ले ली। जर्जर कुएं में गिरने से दोनों की दर्दनाक मौत, गांव में मचा हड़कंप और आक्रोश।

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May 22, 2025

mp news: मध्य प्रदेश के बड़वानी की सेंधवा तहसील के समीपस्थ दोंदवाड़ा गांव के घाटी फलिया निवासी एक महिला और बच्ची पीने के पानी की तलाश में अन्य कुएं पर गई। वह जर्जर था। इस कारण महिला और बच्ची की कुएं में गिरने से मौत हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि कई वर्ष से बैराज की मांग कर रहे है। बैराज स्वीकृत होने के बाद भी निर्माण नहीं हुआ। पानी की किल्लत (water scarcity) की वजह से ग्रामीणों को संघर्ष करना पड़ रहा है।

दोंदवाड़ा गांव के घाटी फलिया निवासी शिवराम का परिवार गोई नदी में बनाए गए कुएं को बंद करने का काम कर रहे थे। बारिश में नदी में आने वाली बाढ़ के चलते कुएं को नुकसान नहीं हो, इसलिए सीमेंट-सरिए से कुआं बंद कर रहे थे। इसी दौरान रेशमा भाई पति शिवराम और उसकी पोती मीनाक्षी पिता भीमसिंह दोनों पेयजल लिए एक अन्य कुएं पर गई। यहां जैसे ही कुएं के ऊपर चढ़ी लकड़ी टूटी और महिला और बच्ची 40 फीट गहरे कुएं में गिर गई। कुएं में पानी था। वहीं ऊपर से पत्थर और लकड़ी लगने से दोनों की मौत हो गई।

बच्चों ने देखी घटना पिता को बताया

जैसे ही हादसा हुआ तो समीप मौजूद बच्चों ने देखा, भीमसिंह ने भी आवाज सुनी तो दौडकर गए लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। भारी मशक्कत के बाद दादी और पोती को निकाला और अस्पताल लेकर पहुंचे। चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित किया। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की है।

पानी की समस्या से जूझ रहे ग्रामीण

गोई नदी के सूखने के बाद ग्रामीण अपनी फसल की सिंचाई करने के लिए नदी के अंदर ही कुएं खोद लेते है। पानी की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों के पास जलस्रोत का यही एक साधन है। पानी की मशक्कत की वजह से ग्रामीण परेशान है। जनपद सदस्य भूरा तरोले ने बताया कि हमने 3.50 करोड़ की लागत से बैराज स्वीकृत करवाया है, लेकिन निर्माण में देरी हो रही है। यदि बैराज बन जाता तो ये हादसा नहीं होता।

Published on:
22 May 2025 12:32 pm
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