दर्जा मिला लेकिन सुविधाओं का विस्तार नहीं: बोराज सीएचसी में बुनियादी सुविधाओं का ही अभाव
बोराज. एक ओर सरकार चिकित्सा सुविधाओं के नाम पर हर साल करोड़ों रुपए खर्च कर मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा देने का वादा कर रही है लेकिन ग्रामीण इलाकों के अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं का ही अभाव है। जयपुर ग्रामीण जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं वेंटिलेटर पर हैं। ऐसा ही हाल बोराज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है, जहां अस्पताल को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा मिलने के बाद दो मंजिल का नया भवन बनकर तैयार है लेकिन यहां मिलने वाली सुविधाएं आज भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर तक की ही हैं। ग्रामीणों ने बताया कि मरीजों के लिए एक्स-रे मशीन की सुविधा नहीं है। अस्पताल में बिजली गुल होने के बाद मरीजों की विभिन्न जांच समय पर नहीं हो पाती। गर्मी के मौसम में परेशानियां और बढ़ जाती हैं। डॉ.दीपक यादव ने बताया कि आसपास क्षेत्र के एक दर्जन गांवों के बीच होने से सीएचसी में लगभग 300-400 मरीजों की ओपीडी रहती है। स्थानीय कपूरमल सांखला, गोपाल निमिवाल व गोपाल सांखला ने बताया कि स्टाफ की कमी के चलते मरीजों को सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।
रात को चिकित्सा सेवाएं नहीं
अस्पताल में रात में के समय में एक भी चिकित्सक मौजूद नहीं रहता। ऐसे में रात के समय प्राथमिक उपचार की भी सुविधा नहीं मिल पाती। रात में चौकीदार एवं गार्ड की सुविधा भी नहीं है। यह सीएचसी मेगा हाईवे पर है लेकिन हादसा होने पर रोगियों को जयपुर रैफर किया जाता है। एंबुलेंस है लेकिन ड्राइवर के अभाव में वह नाकारा हो गई है।
चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ के पद रिक्त
जानकारी के मुताबिक पिछली सरकार ने सीएचसी का दर्जा दे दिया लेकिन सुविधाओं का विस्तार करना भूल गए। स्टाफ की कमी एवं स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी व लापरवाही का खमियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। सीएचसी प्रभारी डॉ. अशोक जांगिड़ ने बताया कि अस्पताल में 30 बेड की सुविधा है लेकिन तीन चिकित्सकों व एक नर्सिंग स्टाफ का पद रिक्त है। स्त्री रोग विशेषज्ञ व एमडी चिकित्सक मिले तो लोगों को राहत मिलेगी।