नगर मुख्यालय में गुरुवार को कावड़ यात्रा निकाली गई। इस कावड़ यात्रा में अलग-अलग गांवों के करीब चार सौ कावडि़ए शामिल हुए। सभी कावडि़ए लांजी के कोटेश्वर धाम पहुंचकर बाबा का जलाभिषेक कर पूजन-अर्चन करेंगे। इस कावड़ यात्रा में डीजे की धुन में कावडि़एं झूमते हुए भी नजर आए। बालाघाट. नगर मुख्यालय में गुरुवार को […]
नगर मुख्यालय में गुरुवार को कावड़ यात्रा निकाली गई। इस कावड़ यात्रा में अलग-अलग गांवों के करीब चार सौ कावडि़ए शामिल हुए। सभी कावडि़ए लांजी के कोटेश्वर धाम पहुंचकर बाबा का जलाभिषेक कर पूजन-अर्चन करेंगे। इस कावड़ यात्रा में डीजे की धुन में कावडि़एं झूमते हुए भी नजर आए।
बालाघाट. नगर मुख्यालय में गुरुवार को कावड़ यात्रा निकाली गई। इस कावड़ यात्रा में अलग-अलग गांवों के करीब चार सौ कावडि़ए शामिल हुए। सभी कावडि़ए लांजी के कोटेश्वर धाम पहुंचकर बाबा का जलाभिषेक कर पूजन-अर्चन करेंगे। इस कावड़ यात्रा में डीजे की धुन में कावडि़एं झूमते हुए भी नजर आए। साथ ही यात्रा में भगवान भोलेशंकर सहित अन्य की झांकी भी शामिल की गई थी।
कावड़ यात्रा प्रमुख उज्जवल आमाडारे ने बताया कि गुरुवार को भरवेली, इमली टेकरा, वार्ड नं 24 और बूढ़ी बालाघाट मंदिर सहित अन्य क्षेत्रों से कावड़ यात्रा निकाली गई। यह यात्रा नगर के विभिन्न मार्गों का भ्रमण करते हुए लांजी कोटेश्वर धाम के लिए रवाना हुई। इस कावड़ यात्रा में श्रद्धालुओं का भारी हुजूम देखने को मिला। कावडि़ए डीजे की धुन पर भक्ति गीतों में झूमते नाचते गाते हुए इस यात्रा में शामिल हुए। लांजी कोटेश्वर धाम पहुंचकर पंडितों की मौजूदगी में भगवान भोलेनाथ का महाभिषेक किया जाएगा। महामृत्युंजय के जाप और रुद्राभिषेक किया जाएगा। वहीं शिव महापुराण पाठ कराकर रात्रि को भगवान भोले की भक्ति में जगराता किया गया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि सावन माह में भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना करने का अलग ही महत्व है। जिसके चलते पूरे महीने शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी रहती है। खासकर सावन के पवित्र माह में पडऩे वाले सोमवार को शिवालयों में खासी भीड़ नजर आती है। शास्त्रों के अनुसार इस माह भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा अर्चना करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हंै।