टेंडर जारी होने के बाद भी शुरू नहीं किया गया है निर्माण कार्य जिले के आदिवासी बिरसा अंचल के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का मामला गंभीर अवस्था में मरीजों के आने पर किया जा रहा जिला मुख्यालय रेफर
जिले के आदिवासी बिरसा अंचल में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने शासन ने 50 बिस्तरीय अस्पताल स्वीकृत किया है। स्वीकृति मिलते ही टेंडर जारी कर निर्माण एजेंसी भी नियुक्त कर ली गई है। लेकिन निर्माण एजेंसी ने अब तक काम शुरू नहीं किया है। करीब 9.95 करोड़ के इस अस्पताल निर्माण में लापरवाही का ग्रहण लगता नजर आ रहा है।
बता दें कि बिरसा क्षेत्र स्वास्थ्य सुविधा के मामले में आज भी बहुत पिछड़ा हुआ है। बिरसा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत 6 पीएचसी मोहगांव, मानेगांव, मडई, कचनारी, दमोह एवं सोनगुड्डा आते हैं। 45 आरोग्य मंदिर इनसे जुड़े हुए हैं। क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था इन्हीं पर टिकी हुई है। बिरसा स्वास्थ्य केंद्र क्षेत्र का मुख्य स्वास्थ्य केंद्र है। लेकिन आज भी 50 वर्ष पूर्व बने बिल्डिंग में अस्पताल लग रहा है। इसे 50 बिस्तर अस्पताल में अपग्रेड करने हेतु नए भवन बनाने की मंजूरी मिल गई है। लेकिन निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जा रहा है।
बताया गया कि 9.95 करोड़ रुपए नए भवन के लिए स्वीकृत होने पर कर्मचारियों ने पुराने भवन का खाली कर दिया है। निर्माण एजेंसी मप्र पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन को बनाया गया है। पिछले माह टेंडर भी पास हो चुका है। बिल्डिंग की डिस्मेंटल करने हेतु भी टेंडर हो चुका है। कार्य दीपावली के बाद से चालू होना था। लेकिन आज दिनांक तक प्रारंभ नहीं हो सका है। क्षेत्रीय जनों का कहना है कि जब सब कार्य हो चुके हैं, तो निर्माण कार्य में देरी क्यों की जा रही है।
बैहर विधानसभा क्षेत्र का बिरसा क्षेत्रफल में बड़ा है। यहां आबादी भी ज्यादा होने के कारण बैहर विधानसभा का विधायक बिरसा क्षेत्र से ही बनते आ रहे हैं। बिरसा मुख्यालय से दक्षिण दिशा की तरफ अंतिम ग्राम लफरा चिलोरा की दूरी बिरसा से लगभग 90 किमी है। क्षेत्र की अधिकतम जनता ग्रामीण क्षेत्र में बसती है। लेकिन आज भी ग्रामीण अच्छे इलाज के लिए तरस रहे हैं।
भौगोलिक दृष्टि से इतने बड़े क्षेत्र और बढ़ती आबादी का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से जुड़ा हुआ है। लेकिन यहां संसाधनों की कमी है। क्षेत्र में लगातार दुर्घटनाएं बढ़ रही है। गंभीर स्थिति होने पर प्रभावित व्यक्ति को बिरसा स्वास्थ्य केंद्र लाया जाता है। यहां प्राथमिक उपचार बाद जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। बिरसा से बालाघाट की दूरी लगभग 100 किमी होने से मरीज की तबीयत जाते-जाते और भी खराब हो जाती है। यदि बिरसा स्वास्थ्य केंद्र में संसाधनों की सुविधा हो जाए तो मरीज का इलाज बिरसा में ही हो सकता है। जन अपेक्षा है की नए भवन का निर्माण शीघ्र ही प्रारंभ किया जाए।
वर्सन
निर्माण एजेंसी तय होने पर हमने पुराने भवन को खाली कर दिया है। दीवाली के बाद काम शुरू किया जाना था। लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हो पाया है। इसके लिए हम पत्र व्यवहार करेंगे।
सुनील सिंह, बीएमओ बिरसा