खनिज निरीक्षक बोले, नहीं हैं खदान की स्वीकृति - नदियों के अस्तित्व पर संकट के लिए कटघरे में प्रशासनिक अमला
बालाघाट/लालबर्रा. जिले के नदियों के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहे हैं। प्रशासनिक अमला तमाशबीन बना हुआ है। यह बात कुम्हारी व धपारा घाट से प्रतिदिन सुबह से शाम तक २००-३०० ट्रैक्टर-ट्राली रेत का खनन किए जाने। खनिज निरीक्षक बालाघाट मुकेश वाडिवा व लालबर्रा सुरेश कुलस्ते के अनुसार उक्त घाट की स्वीकृति नहीं होने। दोनों के बुधवार को कार्रवाई की बात कहने के बाद भी शाम तक रेत खनन अनवरत जारी रहने से कहा जा रहा है। अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि उक्त घाट पर रेत खनन कौन कर रहा है? जिला खनिज अधिकारी की कार्यशैली पहले ही सवालों के कटघरे में है। एक ग्रामीण ने बताया कि यदि जिला खनिज अधिकारी को अवैध खनन या परिवहन की सूचना के लिए कॉल किया जाता है तो वे कॉल रिसीव नहीं करते। भाजपा विधायक गौरव पारधी भी पूर्व में उन पर कॉल रिसीव नहीं करने के आरोप लगा चुके हैं। ऐसे में नदियों के अस्तित्व पर संकट के लिए प्रशासनिक अमला जिम्मेदार क्यों नहीं है
एक ग्रामीण ने बताया कि सुबह में एक साथ करीब ९० ट्रैक्टर-ट्राली से नदी से रेत निकाला जाता है। दिन चढऩे के साथ इनकी संख्या कम होने लगती है। ग्रामीण की माने तो बालाघाट से उक्त घाट तक जाते समय कुम्हारी में सड़क के दोनों तरफ अलग-अलग स्थानों पर रेत डंप किया गया है। इसमें अधिकांश रेत खनन के बाद ट्रैक्टर-ट्राली से लाकर डंप किया गया है। अब सवाल यह है कि आखिर वे कौन लोग खनन कर रहे हैं, जिसके सामने पूरा प्रशासनिक अमला कार्रवाई करने से कतरा रहा है।
वह भी उस समय जब लालबर्रा के नायब तहसीलदार मयंक मिश्रा ने मंगलवार को बोरी से एक ट्रैक्टर-ट्राली को अवैध रेत के साथ परिवहन करते हुए पकड़ा है। ऐसे में अब बालाघाट व लालबर्रा का अमला धपारा व कुम्हारी घाट पर कार्रवाई करने से क्यों परहेज कर रहा है? अवैध खनन की सूचना देने वाले ग्रामीणों के कॉल रिसीव नहीं करने वाले जिला खनिज अधिकारी पर जिला प्रशासन के आला अफसर क्यों मेहरबान है? अवैध खनन पर अंकुश नहीं लगा पाने के मामले में जिला प्रशासन सवालों में घिरता जा रहा है। कटंगी क्षेत्र में नदियों के सूखने से फसल सूखने लगे हैं। गन्ना किसान व जनप्रतिनिधियों ने एक स्वर में इसके लिए रेत खनन को जिम्मेदार बताया है।
पूर्व सांसद बोध सिंह भगत बीते दिनों किसानों के धरना स्थल पर पहुंचे थे। उन्होंने गिर रहे भू-जल पर चिंता व्यक्त करते हुए रेत खनन पर प्रतिबंध लगाए जाने की बात कही थी। अब सवाल यह है कि यदि शासन से प्रतिबंध लगा दिया जाए तो क्या जिला मुख्यालय के पास स्थित बिना स्वीकृत वाले धपारा व कुम्हारी घाट पर खनन करने वाले दूसरे जगह नहीं करेंगे? इस पर अंकुश लगाने के लिए सबसे पहले जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों को कमर कसनी होगी।
वर्जन - धपारा व कुम्हारी घाट से खनन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जल्द ही एक टीम गठित कर भेजा जएगा। उस क्षेत्र में लगातार कार्रवाई होगी। - गोपाल सोनी, एसडीएम बालाघाट