बलिया जिले में टेंट कारोबारी अजीत सिंह की हत्या के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि हत्या की वजह को लेकर क्षेत्र के लोगों में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।
बलिया जिले में टेंट कारोबारी अजीत सिंह की हत्या के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि हत्या की वजह को लेकर क्षेत्र के लोगों में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। 23 नवंबर को परसिया निवासी अजीत सिंह की गुमशुदगी की रिपोर्ट हल्दी थाने में दर्ज कराई गई थी। जांच के लिए चार टीमों को लगाया गया। तीसरे दिन मंगलवार को गंगापुर गंगा घाट पर नदी में एक बाइक से बंधा हुआ शव मिला। शिनाख्त अजीत सिंह के रूप में हुई।
अजीत के छोटे भाई चंदन सिंह ने तहरीर में बताया कि 22 नवंबर को मझौवा गांव में अनीश सिंह की बहन की शादी में टेंट लगाने का काम दिया गया था। रात करीब एक बजे कुर्सी और सोफा के कवर के रंग को लेकर अजीत और तीनों युवकों के बीच कहासुनी और गाली-गलौज हुई थी।
गुरुवार को पुलिस ने हल्दी–सोनवानी मार्ग से तीनों आरोपियों को पकड़ा। पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि कवर का रंग गलत लग जाने पर अजीत पैसे की मांग करने लगा। इसी विवाद में तीनों ने मिलकर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी और शव को छिपाने के लिए हाथ-पैर बाइक में बांधकर नदी में फेंक दिया। हत्या की वजह सिर्फ कवर के रंग को लेकर स्थानीय लोगों को हजम नहीं हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि अजीत और पीयूष के बीच गहरी दोस्ती थी। यहां तक कि अनीश की बहन की शादी की पूरी जिम्मेदारी भी पीयूष संभाल रहा था।
लोगों का कहना है कि इतनी मामूली बात पर जिगरी दोस्त की हत्या करना अविश्वसनीय है। कई ग्रामीणों का मानना है कि मामले में कोई और बड़ा कारण या किसी चौथे व्यक्ति की भूमिका छिपाई जा रही है।
अजीत की पत्नी वाराणसी में अपने बच्चों को पढ़ाती है। वह अक्सर गांव आती-जाती थी। अजीत भी अकसर पीयूष के गांव मझौवा में रहता था और दोस्तों के साथ पार्टी करता था। अजीत की अचानक मौत से परिवार सदमे में है और ग्रामीण भी घटना को लेकर कई सवाल उठा रहे हैं।