बालोद जिले में फिर मौसम ने करवट ली है। बुधवार की सुबह से कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश होती रही। लगातार बारिश से सावन माह जैसा अहसास हुआ।
Rain : बालोद जिले में फिर मौसम ने करवट ली है। बुधवार की सुबह से कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश होती रही। लगातार बारिश से सावन माह जैसा अहसास हुआ। मौसम में ठंडकता देखी गई। मौसम विभाग की माने तो दो से तीन दिन और बारिश के आसार है।
मौसम विभाग के मुताबिक इस समय एक ऊपरी हवा का चक्रवात पूर्वी उत्तर प्रदेश और उससे लगे बिहार के ऊपर स्थापित है, जिसके प्रभाव से मौसम तंत्र में परिवर्तन संभावित है। एक और निम्न दाब का क्षेत्र उत्तर आंध्र प्रदेश के तट पर बनने की संभावना है। इस तरह बारिश को लेकर कई सारे सिस्टम तैयार हो रहे हैं। यही वजह है कि बारिश हो रही है।
बारिश व तेज हवा से लोगों को गर्मी से जरूर राहत मिली है। यह पहली बार है, जब सितंबर में सुबह से बारिश हो रही है। कुछ दिनों से खंड वर्षा जैसी स्थिति बनी हुई थी।
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इस मानसून सीजन में बालोद तहसील में 1172.7, गुरुर 969.9, गुंडरदेही 1064, डौंडी 1138.2, डौंडीलोहारा 1088, अर्जुंदा 1059.3 व मार्रीबंगाल देवरी तहसील में 1182 मिमी औसत बारिश दर्ज किया गया है। जिले में औसत 1096 मिमी बारिश हुई।
इस बार मानसून सीजन में जमकर बारिश हुई है। अब मानसून की विदाई का समय आने वाला है। भू-अभिलेख शाखा के मुताबिक मानसून सीजन दिवाली से पहले मानसून की विदाई होने की संभावना जताई जा रही है।
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बदली व बारिश का असर जिले के तापमान पर भी पड़ा है। बुधवार को जिले का अधिकतम तापमान 26 डिग्री व न्यूनतम तापमान 24 डिग्री दर्ज किया गया। इस बारिश ने जहां गर्मी से राहत मिली है।
बारिश से धान की फसल को कई तरीकों से नुकसान हो सकता है जैसे अत्यधिक पानी जमा होने से जड़ सडऩ, फफूंद संक्रमण, पौधों का गिरना (फसल का लेटना), परागण रुकना और फसल का काला पडऩा के अलावा कीटों का प्रकोप बढ़ सकता है। समय से पहले फूल झडऩे या पैदावार कम होने जैसी समस्याओं का कारण बन सकती है। दवाई छिड़काव के बाद बारिश हो जाती है तो दवाई का असर भी कम हो जाता है।
कृषि उपसंचालक आशीष चंद्राकर ने कहा कि धान की फसलों में बालियां निकलना शुरू हो चुका है। ऐसे में फसलों की देखभाल जरूरी है। कृषि विभाग से किसान सलाह भी ले सकते हैं।