Balod News: केंद्र सरकार ने श्रम सुधारों के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए श्रम से संबंधित 29 पुराने कानून समाप्त कर दिए हैं। उनके स्थान पर 21 नवंबर से देशभर में चार नई श्रम संहिताएं लागू हो गई हैं।
CG News: केंद्र सरकार ने श्रम सुधारों के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए श्रम से संबंधित 29 पुराने कानून समाप्त कर दिए हैं। उनके स्थान पर 21 नवंबर से देशभर में चार नई श्रम संहिताएं लागू हो गई हैं। इन संहिताओं के प्रभाव में आने के साथ देश की आधी से अधिक वर्क फोर्स पहली बार औपचारिक सामाजिक सुरक्षा के दायरे में शामिल हो गई है।
राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित के उपाध्यक्ष यज्ञदत्त शर्मा ने नए श्रम कानूनों के लागू होने पर सभी श्रमिकों को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि ये सुधार केवल तकनीकी बदलाव नहीं बल्कि करोड़ों कामगारों के जीवन को सुरक्षित और बेहतर बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।
नई संहिताओं के तहत सबसे महत्वपूर्ण बदलाव नियुक्ति पत्र से संबंधित है। अब हर संस्थान को अपने कर्मचारियों को जॉइनिंग के समय अप्वाइंटमेंट लेटर देना अनिवार्य होगा। इससे रोजगार व्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ेगी और कंपनियों की मनमानी पर अंकुश लगेगा।
असंगठित क्षेत्र के लगभग 40 करोड़ श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा स्कीमों पीएफ, ईएसआइसी और पेंशन का लाभ मिल सकेगा। इससे पहले ये सुविधाएं मुख्यत: संगठित क्षेत्र तक सीमित थीं। ओवरटाइम को लेकर भी नई संहिताओं में स्पष्ट प्रविधान किया गया है। तय समय से अधिक काम करने पर कर्मचारी को सामान्य वेतन से दोगुना भुगतान किया जाएगा।
श्रमिकों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए यह भी अनिवार्य किया गया है कि नियोक्ता 40 वर्ष से अधिक आयु के सभी कर्मचारियों का साल में एक बार नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण कराएं। ये सुधार भारत के श्रम बाजार को अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और श्रमिक-हितैषी बनाने की दिशा में निर्णायक साबित होंगे।