बलरामपुर

Balrampur News: बलरामपुर में प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में फर्जीवाड़ा, चार मुकदमा पंजीकृत सात आरोपी गिरफ्तार

Balrampur News: बलरामपुर जिले में प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हुआ है। ऐसे 28 प्रकरण पुलिस की जांच में मिले हैं। अब तक चार मुकदमे दर्ज किए गए हैं। कंपनी के तीन इंजीनियर समेत 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आइए जानते हैं, घोटाले की पूरी कहानी।

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प्रेस वार्ता करते एसपी गिरफ्तार अभियुक्त

Balrampur News: बलरामपुर जिले में प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा के मामले प्रकाश में आने के बाद हड़कंप मच गया है। जिस कंपनी को जिओ टेग करने की जिम्मेदारी मिली थी। उसके कर्मचारियों ने जियो टैग में फर्जीवाड़ा करके बड़े पैमाने लाभार्थियों से मिली भगत करके सरकारी धन का घोटाला किया। पुलिस के सामने ऐसे 28 प्रकरण आए हैं। जिनकी जांच चल रही है। अब तक चार मुकदमा पंजीकृत हुए है। तीन कर्मचारियों समेत 7 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

Balrampur News: बलरामपुर जिले में प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में जियो टैग करने की जिम्मेदारी नई दिल्ली कीर्ति नगर की संस्था क्रियटिव कन्सोर्टियम को मिला था। इसमें कंपनी के तीन इंजीनियरों ने मिलकर लाभार्थियों से सौदा करके फर्जी जिओटैग के जरिए भुगतान कर दिया। इस मामले में कंपनी के अधिकारी नीरज कुमार सिंह ने अपने कर्मचारियों पर जियोटैग में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस की जांच में फर्जीवाड़ा के अब तक 28 प्रकरण सामने आए हैं। पुलिस इस मामले में तेजी से जांच कर रही है।

पुलिस अधीक्षक बोले- जल्द ही पूरे गैंग का भंडाफोड़ किया जाएगा

बलरामपुर के पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने बताया कि क्रियटिव कन्सोर्टियम एक संस्था है। इन्हें प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में जिओटैग करने का दायित्व मिला था। संस्था के द्वारा दिए गए तहरीर में जिले के चार क्षेत्र बलरामपुर, उतरौला, पचपेड़वा और तुलसीपुर में चार मुकदमा पंजीकृत किया गया है। जिसमें शिकायत की गई कि फर्जी जिओटैग करके भुगतान किया जा रहा है। जिसमें बलरामपुर नगर पालिका के दो मुकदमे और 7 मुकदमा उतरौला नगर पालिका के है। जिनमें कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस को पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि पहले खाली स्थान का जियोटेक करते थे। उसके बाद अर्ध निर्मित मकान का जियोटेक करने के बाद पूरी तरह से कंप्लीट मकान का जियो टैग करके भुगतान करा देते थे। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे भी मामले सामने आए हैं। जहां मकान पहले से बना है। लेकिन जियो टैग में फर्जीवाड़ा करके भुगतान कर दिया गया है। ऐसे कुल 28 प्रकरण पुलिस को प्राप्त हुए थे। जिसमें जांच चल रही है। जिन सात व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। उसमें तीन कंपनी के इंजीनियर है। जिसमें बलरामपुर क्षेत्र के दो लाभार्थी तथा उतरौला के दो लाभार्थी शामिल है। इसमें ऐसे लाभार्थी हैं। जिनके मकान पहले से बना था। उन्हें फर्जी जिओटैग करके लाभ पहुंचाया गया है। इसमें जो भी दोषी होंगे। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही पूरे गैंग का जल्द भंडाफोड़ किया जाएगा।

इनकी हुई गिरफ्तारी

प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में फर्जीवाड़ा करने वाले सात लोगों में तीन कर्मचारी और चार लाभार्थी शामिल है। इनमें गोरखपुर जिले के बडगो थाना के गांव खोराबार के रहने वाले कार्तिक मोदनवाल, बलरामपुर जिले के गौरा चौराहा थाना के गांव जैतपुर के रहने वाले विजय कुमार यादव, बलरामपुर कोतवाली नगर के गदुरहवा गांव के रहने वाले मोहम्मद वासिक तथा इसी गांव के मोहम्मद समीर, लखनऊ के मानस नगर कानपुर रोड के रहने वाले अनिमेष तिवारी जो वर्तमान में उतरौला कोतवाली के सुभाष नगर में रहते थे। तथा उतरौला कोतवाली के आर्यनगर राहुल और रोहित सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

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