बलरामपुर नगर की बहुप्रतीक्षित सीवरेज परियोजना को नई गति मिल गई है। शासन ने 43 करोड़ से अधिक की तीसरी किस्त जारी की है। दिसंबर 2025 तक एसटीपी चालू होने के बाद शहर की सड़कों से कीचड़, बदबू और गंदगी की परेशानी खत्म होने की उम्मीद है।
बलरामपुर शहर की सबसे बड़ी और बहुप्रतीक्षित परियोजना को आखिरकार नई रफ्तार मिल गई है। शासन ने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के लिए 43 करोड़ 41 लाख 12 हजार रुपये की तीसरी किस्त जारी कर दी है। यह वही योजना है। जिसके पूरे होने का इंतजार नगर की लगभग डेढ़ लाख आबादी कई वर्षों से कर रही थी। अब उम्मीद है कि दिसंबर 2025 के अंत तक यह परियोजना पूरी तरह शुरू हो जाएगी। जिससे शहर को कीचड़, गंदगी और दुर्गंध से निजात मिलेगी।
प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत वर्ष 2018-19 में 123.76 करोड़ रुपये की लागत से इस योजना को स्वीकृति मिली थी। इसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी जल निगम नगरीय को दी गई थी। अब तक दो किस्तों में 80 करोड़ 35 लाख रुपये मिल चुके थे, जिन्हें परियोजना के कार्यों में पूरी तरह खर्च कर दिया गया। संस्था ने अब तक 98 प्रतिशत एसटीपी निर्माण और करीब 19.50 किलोमीटर लंबाई में सीवर लाइन बिछाने का काम पूरा कर लिया है।
तीसरी किस्त मिलने के बाद अब शेष कार्यों में तेजी लाई जाएगी। योजना पूरी होने पर नगर के 25 वार्डों की एक लाख से अधिक आबादी को सीवेज और गंदे पानी की समस्या से राहत मिलेगी। साथ ही, ठोस व तरल अपशिष्ट का ट्रीटमेंट भी एसटीपी में किया जाएगा। इस कदम से सुभाषिनी (सुआंव) नदी में गिरने वाला दूषित पानी भी रोका जा सकेगा। जिससे नदी का प्राकृतिक स्वरूप और जल की गुणवत्ता दोनों में सुधार आएगा।
लंबे समय से नगर में बारिश के दिनों में जलभराव, बदबू और नालियों के जाम की समस्या आम थी। धीमी रफ्तार से चल रही इस परियोजना के कारण लोग काफी परेशान थे। लेकिन अब बकाया धनराशि जारी होने से कार्य तेजी से पूर्णता की ओर बढ़ रहा है। नगरवासी मानते हैं कि यह योजना न सिर्फ गंदगी से मुक्ति दिलाएगी, बल्कि शहर की पहचान और साफ-सफाई दोनों को नया रूप देगी।
अधिशासी अभियंता (जल निगम नगरीय) राजेंद्र कुमार यादव ने बताया कि शासन से बकाया धनराशि प्राप्त हो चुकी है। लक्ष्य है कि 31 दिसंबर 2025 तक एसटीपी और सीवरेज सिस्टम को पूरी तरह चालू कर दिया जाए। इसके बाद बलरामपुर की स्वच्छता व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव देखने को मिलेगा।