UP News: भारत में 2000 के नोट बंद होने के बाद भी नेपाल सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बेरोजगार युवाओं के माध्यम से इन नोटों को बदला जा रहा है। 2000 की नोट के बदले 1200 से लेकर 1600 रुपये दिए जा रहे हैं। लखनऊ की इन्वेस्टिगेशन बिंग ने इस नेटवर्क ठोस सबूत जुटाए हैं।
Up News: नेपाल सीमा से सटे यूपी के जिलों में दो हजार रुपये के नोट बदलने का गोरखधंधा बेधड़क चल रहा है। आयकर विभाग की जांच में सामने आया है कि पुराने नोटों को 1200 से 1600 रुपये तक में बदला जा रहा है। विभाग की लखनऊ इन्वेस्टिगेशन विंग ने फरवरी में नेपाल बॉर्डर पर छापेमारी कर इस पूरे नेटवर्क के ठोस साक्ष्य जुटाए हैं।
UP News: उत्तर प्रदेश के सात जिले नेपाल की सीमा से सटे हुए हैं। इनमें महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी और पीलीभीत जिले शामिल है। इन सीमा क्षेत्र में बहराइच के रुपईडीहा और बलरामपुर के बढ़नी सहित बॉर्डर के क्षेत्र में आयकर टीमों की जांच में खुलासा हुआ है। तमाम मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बेरोजगार युवकों को कमीशन के आधार पर इस काम में लगाया गया है। अब अधिकारी यह पता करने में जुटे हैं। कि बदले गए नोट आखिर कहां पहुंचाए जा रहे हैं।
नियमों के मुताबिक दो हजार रुपये के नोट केवल आरबीआई या डाकघरों में ही जमा किए जा सकते हैं। यहां पर भी उनकी सीमा अधिकतम 30000 तक है। विभाग अब नेपाल के डाकघरो की जांच कर रहा है। अब तक किन-किन लोगों ने नोट बदले हैं। आशंका है कि नोट बदलने के लिए फर्जी पहचान पत्र का इस्तेमाल किया गया।
इस जांच के तहत विभाग ने कुछ निजी लोगों को नोट देकर नेपाल भेजा। जहां नोट आसानी से बदले गए। यह ऑपरेशन पूरी तरह गोपनीय रखा गया। इसमें पुलिस की मदद नहीं ली गई। इसी कार्रवाई के दौरान पता चला कि सीमा क्षेत्रों में यूपीआई से हजारों ट्रांजेक्शन हो रहे हैं। जिनसे अवैध धार्मिक गतिविधियों जैसे मस्जिद, मदरसा और मजार निर्माण तथा धर्मांतरण के लिए फंडिंग की जा रही है। बताया जाता है कि इसके तार तमिलनाडु की एक संस्था से जुड़ रहे हैं।